नई दिल्ली/टीम डिजीटल। आसन्न विधान सभा चुनाव में जनपद गाजियाबाद में आधी आबादी की आधी भी भागेदारी नहीं है। कुल प्रत्याशियों में महिलाओं की हिस्सेदारी मुश्किल से 20 प्रतिशत है। 52 में से सिर्फ 10 महिला प्रत्याशी मैदान में हैं। महिला शक्ति के प्रति राजनीतिक दलों की बेरूखी का यह आलम तब है जब महिला मतदाताओं की संख्या 13 लाख से ज्यादा है।
महिला मतदाता 13 लाख से ज्यादा 5 सीट पर 14 महिलाओं ने चुनाव लड़ने में दिलचस्पी दिखाई थी, मगर 3 के नामांकन निरस्त हो गए और एक ने पर्चा वापस ले लिया। 2 महिलाएं टिकट न मिलने पर भाजपा से बगावत कर निर्दलीय के तौर पर भाग्य आजमा रही हैं। 4 प्रमुख दलों से 5 महिला उम्मीदवार हैं। सपा-रालोद ने एक भी महिला को टिकट नहीं दिया है।
5 सीट पर 10 फरवरी को मतदान गाजियाबाद जिले में विधान सभा की 5 सीट हैं। लोनी, साहिबाबाद, गाजियाबाद सदर, मुरादनगर और मोदीनगर सीट पर 10 फरवरी को वोटिंग होनी है। पांचों सीट पर 52 उम्मीदवार किस्मत आजमाने उतरे हैं। विधान सभा चुनाव में महिलाओं की न्यूनतम भागेदारी पर सवाल उठ रहे हैं। 13 लाख से अधिक महिला मतदाता होने के बावजूद चुनावी अखाड़े में 13 महिला उम्मीदवार तक नहीं हैं।
भाजपा-बसपा, आप से एक-एक टिकट भाजपा, बसपा और आम आदमी पार्टी (आप) ने एक-एक तथा कांग्रेस ने 2 महिलाओं को टिकट दिया है। लोनी सीट से रंजीता धामा (निर्दलीय), साहिबाबाद सीट से संगीता त्यागी (कांग्रेस), छवि यादव (आप), अनिता ओझा (राइट टू रिकॉल पार्टी) व गीतांजलि (निर्दलीय) चुनाव मैदान में हैं। गाजियाबाद सीट से रानी देवश्री (निर्दलीय), मुरादनगर सीट से प्रेरणा सोलंकी (न्याय पार्टी) ने दावेदारी की है।
सपा-रालोद गठबंधन से एक भी नहीं इसके अलावा मोदीनगर सीट से नीरज कुमारी (कांग्रेस), डॉ. पूनम गर्ग (बसपा) व डॉ. मंजू सिवाच (भाजपा) चुनाव लड़ रही हैं। साहिबाबाद से निर्दलीय प्रत्याशी डॉ. सपना बंसल ने नामांकन वापस ले लिया। इसके अतिरिक्त मुरादनगर से निर्मल (स्वतंत्र जनताराज पार्टी), साहिबाबाद से अनिता यादव (निर्दलीय) व अजिंक्या चौहान (राष्ट्रीय भारतीय जन-जन पार्टी) का पर्चा निरस्त हो गया था।
साहिबाबाद में सर्वाधिक 4 महिला प्रत्याशी लोनी में 10, साहिबाबाद में 11, गाजियाबाद सदर में 14, मुरादनगर में 10 व मोदीनगर में 7 उम्मीदवार हैं। लोनी, गाजियाबाद सदर, मुरादनगर में एक-एक, मोदीनगर में 3 व साहिबाबाद में 4 महिला प्रत्याशी हैं। जिनमें से 3 निर्दलीय हैं। विधान सभा चुनाव में कुल 15 दलों के उम्मीदवार आमने-सामने हैं।
14 महिलाओं ने दिखाई थी रूचि रंजीता धामा और रानी देवश्री ने भाजपा से टिकट न मिलने पर निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ने का फैसला किया। लड़की हूं लड़ सकती हूं, कैंपेन चलाने के कारण संभवत: कांग्रेस ने 5 में से 2 सीट पर महिला प्रत्याशी उतारी हैं। अन्यथा किसी दल ने महिलाओं को प्रत्याशी बनाने में ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाई है।
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