नई दिल्ली/टीम डिजिटल। दुनिया अभी कोरोना महामारी से उबरी भी नहीं है कि होंगकोंग से एक और जानलेवा बीमारी सामने आ गई है। इस बीमारी के 11 मामले अब तक सामने आ चुके हैं।
इस बारे में होंगकोंग की सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले सेंटर फॉर हेल्थ प्रोटेक्शन ने इस मामले की जांच को आगे बढ़ाया है। सीएचपी की माने तो अप्रैल के अंत में एक शख्स की रैट हेपेटाइटिस ई वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि की गई थी। इसके बाद से ही होंग कोंग में 11 लोगों को इससे संक्रमित पाया गया है।
भारत में कोरोना वायरस के 100 दिन हुए पूरे, जानिए बाकी देशों की तुलना में कहां खड़ा है भारत
ऐसा सामने आया मामला इस बारे में बताया गया कि होंगकोंग के एक अस्पताल में एक 61 साल के व्यक्ति को एडमिट किया गया था। कुछ दिनों के बाद पता चला कि उसके लीवर में प्रॉब्लम है। इसके बाद उन्हें दूसरे अस्पताल में भेज दिया गया लेकिन जब उनकी ब्लड रिपोर्ट आई तो उसमें पता चला कि वो व्यक्ति रैट एचइवी से ग्रस्त है।
भारत में कोरोना संकट को कम करेगी फेवीपिरवीर दवा! शुरू हुआ देश में दवा का ट्रायल
जांच विफल रही इसके बाद जांच शुरू की गई कि आखिर ये बीमारी उन्हें किस तरह से लगी। इसके लिए उनके घर जाकर जानकारी ली गई लेकिन वहां से कोई भी सबूत नहीं मिला। इसके बाद उनकी हिस्ट्री भी चेक की गई लेकिन उसमें भी ऐसा कुछ नही मिला। इतना ही नहीं उस मरीज के संपर्क में आए लोगों की भी स्क्रीनिंग की गई लेकिन कुछ भी सामने न आ सका।
Good News: सीने के एक्स-रे को देखकर हो सकेगी कोरोना मरीज की पहचान, केजीएमयू को मिली बड़ी कामयाबी
ऐसे मिला था पहला मरीज इस बारे में विभाग को कोई जानकारी नहीं मिल सकी लेकिन अभी भी जांच जारी है। बताया जाता है इस बीमारी का सबसे पहला मामला 2018 में सामने आया था। तब होंगकोंग में 56 साल के एक मरीज में अजीब मेडिकल रेस्पोंस मिल रहे थे। इस मरीज के टेस्ट कराये गये तो पता चला कि उस मरीज का इम्यून सिस्टम हेपेटाइटिस-इ होने के संकेत दे रहा था लेकिन इसके बाद भी डॉक्टरों को उसके शरीर से एचइवी होने के संकेत नही मिले।
यहां आपको ये बता दें कि हेपेटाइटिस-इ लीवर से जुड़ी बीमारी है जिसमें मरीज को बुखार के साथ पीलिया भी हो जाता है। ये वायरस चार तरह का होता है जो अलग अलग जीवों में पाया जा सकता है।
वायरस के होते है 4 प्रकार दरअसल, साल 2018 तक डॉक्टर समझ रहे थे कि चार प्रकार के इस वायरस में से सिर्फ एक ही प्रकार का वायरस, हेपेटाइटिस-इ से इंसान बीमार हो सकता है लेकिन जब उन्हें चूहे से होने वाले हेपेटाइटिस E का पता लगा तो उन्होंने इसके टेस्ट करने की प्रकिया में परिवर्तन किया और तब जाकर डॉक्टरों ने पाया कि इंसान में भी हेपेटाइटिस-इ हो सकता है।
इस बारे में विशेषज्ञों का कहना है कि हम समझ ही नहीं पाए हो सकता है उस वक्त और भी केस रहे हों इस बीमारी के। यह सब इतना असामान्य लगा कि हम यकीन नहीं कर पाए। अब हमारे पास एक ऐसा वायरस है जो सड़क के चूहों से इंसान में फैल सकता है।
यहां पढ़ें कोरोना से जुड़ी महत्वपूर्ण खबरें...
कुछ दलों ने मिलकर ‘भ्रष्टाचारी' बचाओ अभियान छेड़ा हुआ है:...
पेंशन कोष नियामक पीएफआरडीए के ओम्बड्समैन की अधिकतम उम्र सीमा बढ़ी
उमेश पाल अपहरण कांड: माफिया और पूर्व सांसद अतीक समेत तीन दोषियों को...
न्यायपालिका पर टिप्पणी को लेकर धनखड़, रीजीजू के खिलाफ कोर्ट का दरवाजा...
सुप्रीम कोर्ट ने पूछा- नफरती भाषणों के मामलों में FIRs के मुताबिक...
इजराइल में जनआक्रोश के आगे झुके PM नेतन्याहू, न्यायिक सुधार किया...
मोदी सरकार ने PAN को Aadhaar से जोड़ने की समयसीमा तीन माह बढ़ाई
अडाणी मुद्दे पर राज्यसभा में हंगामा, लगातार 11वें दिन भी जारी रहा...
प्रधानमंत्री कम पढ़े-लिखे हैं और चीजों को ठीक से नहीं समझते हैं :...
राहुल गांधी मामले में ‘पक्षपात' के लिए बिरला के खिलाफ अविश्वास...