नई दिल्ली/टीम डिजीटल। जनपद गाजियाबाद में 2 मोबाइल वेटरनरी यूनिट (एमवीयू) की शुरुआत की गई है। इनका इस्तेमाल पालतू पशुओं का इलाज करने में किया जाएगा। टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर पर फोन कर पशुपालक इस सेवा का लाभ उठा सकेंगे। प्रत्येक पशु के उपचार की एवज में निर्धारित शुल्क का भुगतान करना होगा।
जिला पंचायत अध्यक्ष ममता त्यागी ने रविवार को विकास भवन परिसर से मोबाइल वेटरनरी यूनिट (एमवीयू) को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। उन्होंने बताया कि मोबाइल यूनिट शुरू होने से पशुपालक अब घर बैठे बीमार पशुओं का इलाज करा सकेंगे। इस बावत टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर 1962 पर कॉल कर सूचना देनी होगी। कॉल मिलने के बाद एमवीयू को संबंधित स्थल के लिए रवाना कर दिया जाएगा।
चिकित्सा हेल्थकेयर संस्था द्वारा इन मोबाइल यूनिट का संचालन किया जाएगा। प्रत्येक मोबाइल वेटरनरी यूनिट में वाहन चालक के अलावा संस्था की तरफ से पशु चिकित्सक व मल्टी टास्क पर्सनल (पैरावेट) रहेगा। जनपद में निर्धारित रूट पर प्रतिदिन सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक एवं इमरजेंसी रूट पर सुबह 8 से रात 8 बजे तक यह सेवा उपलब्ध रहेगी। रात 8 बजे के बाद प्राप्त कॉल को कॉल सेंटर में रिकॉर्ड किया जाएगा।
इन कॉल पर अगले दिन सेवा मिल सकेगी। पशुओं के इलाज का सरकारी शुल्क भी निर्धारित है। इसके तहत गाय एवं भैंस का उपचार करने पर 5 रुपए, भेड़-बकरी पर 2 रुपए, श्वान पर 10 रुपए एवं कृत्रिम गर्भाधान की एवज में 40 रुपए शुल्क जमा कराकर पशुपालक इस सेवा का लाभ उठा पाएंगे।
जिले को जल्द एक और मोबाइल वेटरनरी यूनिट मिल जाएगी। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी विक्रमादित्य सिंह मलिक, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. महेश कुमार, चिकित्सा हेल्थ केयर के प्रतिनिधि कन्हैया लाल सोनी आदि मौजूद रहे।
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