Monday, Dec 04, 2023
-->
Ramesh Bidhuri given charge of Tonk: Muslim polarization or burglary in Pilot''s stronghold!

रमेश बिधूड़ी को टोंक का प्रभार: मुस्लिम ध्रुविकरण या पायलट के गढ़ में सेंधमारी!

  • Updated on 9/30/2023

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। लोकसभा में अपशब्द कहकर चर्चा के केंद्र में आए दक्षिणी दिल्ली सांसद रमेश बिधूड़ी को भाजपा ने राजस्थान के टोंक जिले में चुनाव में प्रभारी के तौर पर भेजकर बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। उनकी इस नियुक्ति को लेकर सियासी गलियारे में कई तरह की चर्चाओं ने भी जोर पकड़ लिया है। माना जा रहा है कि बिधूड़ी के जरिये टोंक में कांग्रेसी नेता व गुर्जर सचिन पायलट के गढ़ में सेंधमारी की योजना है। साथ ही यह नियुक्ति आने वाले दिनों में चुनाव में ध्रुवीकरण की हवा को बढ़ावा दे सकती है।

दरअसल अपनी विवादास्पद टिप्पणियों के लिए पहचाने जाने वाले रमेश बिधूड़ी मुस्लिम मतदाताओं की अधिक संख्या वाले जिले में भी ध्रुवीकरण कर सकते हैं।

माना जा रहा है कि पार्टी उनके जरिये टोंक गुर्जर मतदाताओं को साधने में लगी है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि टोंक जिले में बड़ी संख्या में गुर्जर समुदाय होने के कारण भाजपा मानती है कि विवादित सांसद रमेश बिधूड़ी गुर्जर वोट उसके पक्ष में ला सकते हैं, क्योंकि बिधूड़ी भी खुद गुर्जर समुदाय से आते हैं।

सचिन पायलट 2018 में टोंक विधानसभा सीट से निर्वाचित हुए थे। चूंकि इस जिले में विधानसभा की चार सीट हैं जिनमें एक पर वरिष्ठ कांग्रेस नेता सचिन पायलट के पास है।

पार्टी का मानना है कि मीणा और मुसलमान इस जिले में दो अन्य बड़े समुदाय हैं। ऐसे में रमेश बिधूड़ी की टिप्पणी भाजपा को नुकसान से अधिक फायदा पहुंचा सकती है।

हालांकि लोकसभा में बीते सप्ताह बीएसपी सांसद दानिश अली के खिलाफ अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल करने पर कई विरोधी दलों ने दक्षिण दिल्ली के सांसद बिधूड़ी की आलोचना की थी और उन्हें सदन से निलंबित करने की मांग की थी। जिसके बाद भाजपा ने उन्हें कारण बताओ नोटिस तो जारी किया था लेकिन उसके बाद यह जिम्मेदारी सौंपकर विरोधी दलों को चौंका भी दिया है।

टोंक में बिधूड़ी की नियुक्ति के मायने

टोंक के जातीय समीकण को देखें तो साफ है कि बिधूड़ी की नियुक्ति को राजस्थान में कांग्रेस नेता सचिन पायलट का तोड़ मान सकते हैं। सचिन पायलट टोंक से ही विधायक हैं और इसी जिले में बिधुड़ी को प्रभारी नियुक्त किया गया है। दोनों ही नेता गुर्जर समाज से हैं।

भाजपा के पास मौजूदा समय में टोंक क्षेत्र में केवल एक सीट कन्हैयालाल के तौर पर है। जो मालपुरा से विधायक हैं। जबकि शेष तीन सीटें कांग्रेस के पास हैं। इस इलाके में करीब 10.54 लाख वोटर हैं। सर्वाधिक मुस्लिम वोटर टोंक में हैं। जहां उनकी संख्या लगभग 2.54 लाख वोटरों में से करीब 64 हजार है। जबकि 45 हजार एससी तथा 35 हजार गुर्जर और 15 हजार ब्राह्मण हैं।

भाजपा के एक वरिष्ठ नेता के अनुसार जनसंख्या के आंकड़ों पर यदि निगाह डालें तो टोंक जिले में विधानसभा की चार सीटें आती हैं। 2011 की जनसंख्या के अनुसार टोंक जिले में हिंदू आबादी 87.49 प्रतिशत और मुस्लिम 10.77फीसदी हैं। हालांकि जिस टोंक सीट से पायलट खुद मैदान में हैं, वहां हिंदू आबादी लगभग 50फीसदी और मुस्लिम आबादी 47प्रतिशत के लगभग है। राजनीतिक जानकारों की मानें तो बिधूड़ी को जिम्मेदारी देने के पीछे एक वजह वोटों का ध्रुवीकरण है।

माना जा रहा है कि आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा रमेश बिधूड़ी के जरिए हिंदू वोटों को एकजुट करना चाहती है, जिससे उसे चुनाव में लाभ मिल सके। इसके अलावा राजस्थान के 12 जिलों में गुर्जर समाज का प्रभाव है। भरतपुर, धौलपुर, करौली, सवाई माधोपुर, जयपुर, टोंक, दौसा, कोटा, भीलवाड़ा, बूंदी, अजमेर और झुंझुनू जिलों को गुर्जर बाहुल्य क्षेत्र माना जाता है।

प्रदेश में गुर्जर समाज 200 में से करीब 40 सीटों को सीधे तौर पर प्रभावित करते हैं। ऐसे में संभव है कि बिधूड़ी आने वाले चुनावों में सचिन पायलट के प्रभाव को न केवल कम कर पाएं बल्कि उनके लिए बड़ी मुसीबत का सबब बनकर भी उभर सकते हैं।

पार्टी नेताओं ने नियुक्ति पर कहा

भाजपा नेताओं का कहना है कि सांसद रमेश बिधूड़ी राष्ट्रीय राजधानी में भाजपा के जमीनी नेताओं में आते हैं और उनका अपने निर्वाचन क्षेत्र में खासा असर है। पार्टी विभिन्न राज्यों में विधानसभा चुनाव में अपने सांसदों को नियमित रूप से तैनात करती है और रमेश बिधूड़ी पिछले कई चुनावों में अपनी सेवा पार्टी को दे चुके हैं। इसी कड़ी में उन्हें राजस्थान विधानसभा चुनाव में उन्हें टोंक जिले में चुनावी जिम्मेदारी सौंपी गई है।

comments

.
.
.
.
.