Saturday, Jun 03, 2023
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bethlehem is ready for christmas celebration people are gathering from all over the world

बेथलहम तैयार है क्रिसमस जश्न के लिए, दुनिया भर से जुट रहे है लोग

  • Updated on 12/24/2019

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। दिसंबर के महीने में पूरे देश–विदेश में चारों तरफ क्रिसमस ( Christmas ) का जश्न मनाने में जुट गए है। इजराइल ( Israel ) के कब्जे वाले वेस्ट बैंक (West Bank ) का यह ‘छोटा-सा शहर’ चर्च ऑफ नैटिविटी (Church of Nativity ) में और उसके आसपास के इलाकों में लोग खुशियां बांटने घर से बाहर निकलना शुरु कर दिये है।  

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मालूम हो कि ईसा मसीह का जन्म स्थान बेथलहम क्रिसमस का जश्न मनाने के लिए दुनियाभर के श्रद्धालुओं का स्वागत करने के लिए तैयार है । पिछले साल के मुकाबले इस बार गाजा पट्टी के कम ईसाई ( Christian ) इस समारोह में शामिल होंगे क्योंकि इजराइल ने करीब 200 लोगों को ही परमिट दिया है जबकि 900 लोगों ने इसके लिए आवेदन किया थ।

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जानें बेथलहम गिरजाघर की खास बाते 

ऐसा माना जाता है बेथलहम गिरजाघर में ईसा मसीह का जन्म हुआ था, इस स्थान पर पहला गिरजाघर चौथी सदी में बना था। हालांकि छठी सदी में आग लगने के कारण इसे बदल दिया गया । बेथलहम यरुशलम से नजदीक है लेकिन इजराइल के अलगाव के कारण पवित्र शहर से कटा हुआ है ।  

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क्रिसमस डे मनाया जाता है 25 दिसंबर को 

25 दिसंबर को पूरी दुनिया में क्रिसमस डे के तौर पर मनाया जाता है, लेकिन कम ही लोग जानते है, इस दिन की शुरुआत में ईसाई समुदाय के लोग यीशू यानि ईसा मसीह ( Jesus Christ ) के जन्मदिन (Birthday ) को एक त्योहार के रूप में नहीं मनाते थे, लेकिन चौथी शताब्दी के आते-आते उनके जन्मदिन को एक त्योहार के तौर पर मनाया जाने लगा। इस त्योहार का जश्न 24 दिसंबर की शाम से शुरु हो जाता है ।  

25 दिसंबर मनाने के पीछे छिपा है रहस्य 

आपको बता दे कि यूरोप ( Eurpoe ) में गैर ईसाई समुदाय के लोग सूर्य (sun ) के उत्तरायण के मौके पर एक बड़ा त्योहार मनाते थे। इनमें प्रमुख था 25 दिसंबर को सूर्य के उत्तरायण होने का त्योहार। इस तारीख से दिन के लंबा होना शुरू होने की वजह से, इसे सूर्य देवता के पुनर्जन्म का दिन माना जाता था। कहा जाता है कि इसी वजह से ईसाई समुदाय के लोगों ने इस दिन को ईशू के जन्मदिन के त्योहार क्रिसमस के तौर पर चुना। क्रिसमस से पहले ईस्टर ईसाई समुदाय के लोगों का प्रमुख त्योहार था।

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