नई दिल्ली/टीम डिजिटल। टीकाकरण प्रमाण पत्रों की मान्यता मामले में भारत ने आखिरकार ब्रिटेन के खिलाफ जवाबी कार्रवाई कर ही दी। सोमवार से भारत आने वाले ब्रिटिश नागरिकों को 10 दिन तक अब पृथकवास में रहना होगा, भले ही उनका टीकाकरण हो रखा हो। भारत की यात्रा करने से 72 घंटे पहले की आरटी-पीसीआर जांच रिपोर्ट भी लानी होगी।
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक ब्रिटेन की ओर से भारतीय टीका प्रमाणपत्रों को मान्यता नहीं देने से संबंधित मुद्दे को तकनीकी स्तर की वार्ता की बावजूद हल नहीं किया जा सका है। जबकि सोमवार से लागू होने जा रहे नए ब्रिटिश यात्रा नियमों पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए भारत ने 19 सितम्बर को जवाबी कदम उठाने की चेतावनी दी थी। ब्रिटेन के रवैये को देखते हुए अब भारत ने भी सख्ती कर दी है और जवाबी कार्रवाई करते हुए सोमवार से ब्रिटिश यात्रियों के लिए नई यात्रा नियम लागू कर दी है। भारत के नए नियमों के मुताबिक ब्रिटेन के नागरिकों को यात्रा से 72 पहले तक की आरटी-पीसीआर जांच रिपोर्ट दिखानी होगी चाहे उन्होंने टीकाकरण करावाया है या नहीं। आगमन के बाद भी ब्रिटिश नागरिकों को दो बार कोरोना संबंधी आरटी-पीसीआर जांच करानी होगी। आगमन पर जांच कराने के अलावा आठवें दिन फिर से आरटी-पीसीआर जांच करानी होगी। इसके साथ ही भारत आने वाले सभी ब्रिटिश नागरिकों को आगमन के बाद घर पर या गंतव्य स्थल पर 10 दिन तक जरूरी पृथकवास में रहना होगा। स्वास्थ्य और नागर विमानन मंत्रालय को नए उपायों को लागू करने की जिम्मेदारी दी गई है।
भारतीय नागरिकों के लिए ब्रिटेन का नया यात्रा नियम ब्रिटेन के नए नियम के मुताबिक पूरी तरह टीकाकरण करा चुके भारतीय को 10 दिन पृथकवास में रहना होगा क्योंकि भारत के कोरोना टीका प्रमाणपत्र के संबंध में बिटेन को कुछ आपत्ति है। नई व्यवस्था सोमवार से प्रभावी हो जाएगी। ब्रिटेन ने शुरुआत में सीरम इंस्टीट््यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) द्वारा निॢमत कोविशील्ड को मान्यता देने से इनकार कर दिया था। भारत की तीखी प्रतिक्रिया के बाद उसने 22 सितम्बर को अपने नए दिशा-निर्देश में बदलाव किया और इस टीके को शामिल कर लिया। लेकिन कोविशील्ड की दोनों खुराक ले चुके भारतीयों को पृथकवास नियमों से कोई राहत नहीं दी गई। मसले के समाधान के लिए दोनों पक्षों ने कई दौर की तकनीकी स्तर की वार्ता की लेकिन अभी तक इसका कोई समाधान नहीं निकला है।
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ब्रिटिश यात्रियों के लिए भारत का मौजूदा यात्रा नियम ब्रिटेन से भारत आने वाले यात्रियों को विमान में सवार होने की अनुमति देने से पहले विमान कंपनियों को आरटीपीसीआर जांच की ‘नेगेटिव रिपोर्ट’ सुनिश्चित करने की आवश्यकता है। भारतीय हवाई अड्डे पर पहुंचने पर उन्हें जांच के लिए नमूने देने की जरूरत होती है। संक्रमित पाए जाने पर उन्हें पृथकवास में भेजा जाता है और उपचार किया जाता है। संक्रमित नहीं होने पर सात दिनों के लिए घर पर पृथकवास में रहना होता है और फिर से जांच कराने की जरूरत होती है।
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