नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के नेतृत्व में 10 टीमें चीन के वुहान शहर में जांच करने के लिए निकली है। यह टीमें चीन के अन्य शहरों के साथ वुहान में उस समय जाएंगी जहां से पहली बार कोरोना वायरस का संक्रमित होने की खबर आई थी। शुरुआत में चीन ने इस टीम को जाने से साफ मना कर दिया था मगर बाद में अंतराष्ट्रीय दवाब और डब्लूएचओ की नाराजगी के बाद चीन ने यह कदम उठाया और टीमों को अपने यहां आने की अनुमति दी है। यह टीम पता लगाएगी कि चीन में कोरोना वायरस का जन्म कैसे हुआ।
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चीन के रवैए की निंदा की अभी हाल में विश्व स्वास्थ्य संगठन के टेड्रोस अदनोम (Tedros Adhanom) ने चीन के इस रवैए की निंदा की थी। जिसमें उनकी तरह से चीन के वुहान में एक टीम जांच के लिए भेजे जाने की एक बात कही गई थी। जिसके लिए चीन राजी नहीं हो रहा था। दुनिया के कई अन्य देश भी ऐसी ही मांग कर रहे थे। जिसमें सबसे आगे अमेरिका चल रहा था। राष्ट्रपति ट्रंप ने तो चीन पर इस वायरस की उतपत्ति करने का भी आरोप लगा दिया था। जिसके बाद दुनियाभर से यह बात उठने लगी और लोग चीन के सामने अपनी नाराजगी रखने लगे।
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चीन ने दी इजाजत शुरुआत में बीजिंग इस तरह के किसी भी जांच टीम को अपने देश में आने देने के लिए तैयार नहीं था। बाद में जब पूरी दुनिया से दबाव बनने लगा तो चीन ने यह कदम उठाया था। चीन के स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख ने अभी हाल में कहा था कि उनकी विश्व स्वास्थ्य संगठन को लेकर इस तरह की बातों पर बात चल रही है। वह कहते हैं कि जल्द ही इसकी तारीख फाइनल हो जाएगी।
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वुहान में पहले कोरोना का मामला आया था सामने बता दें पिछले साल दिसंबर में चीन में वुहान शहर में कोरोना वायरस का पहला मामला सामने आया था। जिसके बाद लगातार जांच दल भेजे जाने की मांग की जा रही थी मगर चीन ने इस मांग को अब माना है। लेकिन लंबा समय बीत जाने के बाद अब दुनिया को लग रहा है कि अब विश्व स्वास्थ्य संगठन की टीम को चीन से कुछ हाथ नहीं लगेगा। चीन को अब तक पर्याप्त समय मिल चुका था। उसने कोरोना से जुड़े सारे तथ्य मिटा दिए होंगे।
बता दें 10 सदस्यीय इस टीम की निगरानी स्वयं विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख करेंगे। यह टीम सीधे उनको ही इस बात की जानकारी देंगे। उनको लेकर कहा जा रहा था कि वह चीन की तरफ झुकाव रखते हैं मगर अब उन्होंने जैसा कदम उठाया है उसके बाद चीन भी उनसे नाराजगी जाहिर कर सकता है।
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