Sunday, Mar 26, 2023
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यानोमानी जनजाति की विचित्र परंपरा! परिजनों के अंतिम संस्कार की राख का सूप बना कर पीते हैं लोग

  • Updated on 1/31/2023

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। दुनिया में अलग-अलग रीति-रिवाज मनाए जाते हैं। सभी की अपनी अलग परंपराएं होती हैं। लेकिन आज हम आपको एक ऐसी परंपरा के बारे में बताने जा रहे हैं। जिसे सुन आपका दिमाग ही हिल जाएगा। दक्षिण अमेरिकी जनजाति यानोमानी में अंतिम संस्कार को लेकर एक ऐसी परंपरा हैं जो किसी को भी सदमें में डाल सकती हैं। लेकिन ये यहां के लोगों के लिए बिल्कुल सामान्य हैं। 


दक्षिण अमेरिका के यानोमानी की अजीब परंपरा
दक्षिण अमेरिका की यानोमानी जनजाति अंतिम संस्कार के समय एक अजीब परंपरा का पालन करती हैं। जिसमें वह मृतक को जलाने के बाद वह बची हुई राख का सूप बनाकर पी जाते हैं। जी हां, यानम या सेनेमा के नाम से मशहूर इस ट्राइब में अंतिम संस्कार के लिए मृत शरीर को पत्तों और दूसरी चीजों से ढ़क दिया जाता है। 30-40 दिन बाद वे उसे वापस लाते हैं, बच गए शरीर को जलाते हैं। शरीर को जलाने के बाज जो राख बचती है, ये लोग उसका सूप बनाकर पी जाते हैं। इस रिवाज का पालन यहां पारंपरिक तौर पर किया जाता है। 

इसलिए मनाई जाती है परंपरा
इस परंपरा को एंडोकैनिबेलिज्म कहा जाता है। इस समुदाय का मानना है कि मृत व्यक्ति की आत्मा को शांति तभी मिलती है, जब उसकी डेड बॉडी को रिश्तेदारों ने खाया हो। यही वजह है कि किसी न किसी तरीके से वे राख को खाते हैं। उनके मुताबिक वे इस तरह से आत्मा की रक्षा करते हैं। अगर किसी व्यक्ति की हत्या हुई है। तो उसके शरीर की राख सिर्फ महिलाएं ही खाती हैं और उनका अंतिम संस्कार भी अलग तरह से किया जाता है। यानोमानी ट्राइब अमेजन के जंगलों में रहते हैं और इनके करीब 200-250 गांव हैं। 


 

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