नई दिल्ली/टीम डिजिटल। विश्व के पहले ‘तीन माता-पिता के बच्चे’ के जन्म को संभव कर दिखाने वाली नई और अग्रणी आईवीएफ तकनीक की विस्तृत जानकारी का वैज्ञानिकों ने खुलासा किया है। इस बच्चे का जन्म पिछले वर्ष हुआ था।
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इस तकनीक ने उन परिवारों के लिए आशा की किरण जगाई है जो आनुवांशिक सूत्रकणिका विकार से पीड़ित हैं और स्वस्थ बच्चों को जन्म देना चाहते हैं। मीटोकॉन्ड्रियल रिप्लेसमेंट थेरेपी (एमआरटी) के परिणाम स्वरूप एक स्वस्थ बच्चे का जन्म हुआ है।
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एमटीआर के कारण इस दंपति को स्वस्थ बच्चा प्राप्त हुआ। लेग सिंड्रोम के कारण वह अपने दो बच्चे को पहले ही खो चुके थे। जॉर्डन का रहने वाला यह दंपति बीते बीस वर्षों से परिवार शुरू करने की कोशिश कर रहा था। इस बच्चे से पहले महिला का चार बार गर्भपात हो गया था।
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