
आज के इस समय में अधिकतर लोग डायबिटीज से परेशान रहते है जिसकी वजह से वह हर तरह के परहेज करने लगते हैं...

कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय ने एक अध्ययन में दावा किया है कि अखरोट खाने वाले वयस्क लोगों में और इसका सेवन नहीं करने वालों लोगों के मुकाबले टाइप दो के मधुमेह होने का खतरा कम हो जाता है। शोधकर्ताओं का कहना है कि करीब तीन चम्मच...

टीबी को रोकने और ब्लैडर कैंसर के इलाज के लिए प्रयोग किए जाने वाले टीके को अमेरिका में टाईप 1 मधुमेह को दूर करने की क्षमता का परीक्षण करने के लिए सहमति दे दी गई है।

डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जिसके कारण शरीर में कई तरह की और बीमारी पनपने लगती हैं। एक शोध के बाद वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि डायबिटीज टाइप-2 की शुरुआत से पैंक्रिएटिक कैंसर के होने का भी खतरा बढ़ जाता है। ये कैंसर के जानलेवा रूपों में से एक है।

एक अध्ययन के मुताबिक, वजन घटाने के लिए की जाने वाली इंटरमिटेंट फास्टिंग डाईट वास्तव में मधुमेह के उच्च जोखिम का कारण बनता है। इस लोकप्रिय डाईटिंग में ऐसे दिन होते हैं जहां पूरे दिन भूखा रहना होता है तो ऐसे दिन भी होते हैं जिसमें जो मन आए वो खा सकते हैं।

किडनी मरीजों को राहत देते हुए केंद्र सरकार अब जिला अस्पतालों में किडनी, मधुमेह आदि बीमारियों में लाभकारी आयुर्वेदिक औषधियों को उपलब्ध कराएगी। मंत्रालय के अनुसार, अब तक 10 लाख से भी ज्यादा डायलिसिस सेशन जिला अस्पतालों में किए जा चुके हैं।

अगले 3 से 5 साल में भारतीय बाजार में दिल की बीमारियों, मधुमेह और कैंसर के इलाज में काम आने वाली कई दवाइयों के पेटैंट की अवधि खत्म हो रही है। इसके बाद घरेलू दवा कम्पनियां इन दवाओं का जैनेरिक संस्करण पेश कर सकती हैं जिससे इनकी कीमतों में भारी कमी आने की उम्मीद है।

देश के लगभग सभी आयुवर्गों में तेजी से पैठ बना रहे मधुमेह को डायगनॉस करने के लिए सर गंगाराम अस्पताल के विशेषज्ञों ने एक अनोखा तरीका विकसित किया है। विशेषज्ञों का दावा है कि वह अपनी नवीन खोज के जरिए महज जांघ और पेट के आकार को देखकर मुधमेह रोगी की पहचान करने में सक्षम हैं।

मधुमेह का प्रभाव गर्भावस्था के समय महिलाओं और उनके अजन्मे शिशु पर भी पड़ता है। अगर गर्भवती महिला का ब्लड शुगर नियंत्रित नहीं है तो यह शिशु तक पहुंच जाता है और इससे गर्भ में पल रहे शिशु का वजन छठे महीने में बढऩे की संभावना अधिक होती है।

डब्ल्यूएचओ के ताजा आंकड़ों के मुताबिक देशभर में डायबिटिक मरीजों की तादाद 5 करोड़ के पार पहुंच चुकी है। वहीं इस बीच उत्साहित होने की बात यह है कि इस बीमारी से बचाव में हर्बल चिकित्सा काफी अहम भूमिका निभा रही है।