
कोरोना वायरस महामारी ने जहां दुनियाभर में आर्थिक संकट खड़ा कर दिया तो वहीं पश्चिमी एशिया की लगभग सभी अर्थव्यवस्थाओं के लिए यह मंदी का साल है।

आज अलग अलग कारणों से वैश्विक अर्थव्यवस्था एक मुश्किल दौर से गुजर रही है। लेकिन भारतीय अर्थव्यवस्था की बुनियाद मजबूत है। नीतियां स्पष्ट हैं और इनके जरिये अर्थव्यवस्था के आकार को दोगुना कर 5000 अरब डॉलर पर पहुंचाने के लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलेगी।

अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) का मानना है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में बहुप्रतीक्षित सुधार अब अपनी जड़ें जमाने लगा है और दुनिया के देशों को इस अवसर का लाभ उठाना चाहिए।

वर्ष 2008 में वैश्विक अर्थव्यवस्था में आई मंदी से 3 वर्ष पहले ही चेतावनी देने वाले भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने एक बार फिर दुनिया को चेताया है।