
देश की जनता को भरोसा दिलाते हुए राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि CAA- NRC देश के नागरिकों के खिलाफ नहीं है। ससे देश के मुसलमानों को किसी भी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना होगा।

मुख्यमंत्री किसी वर्ग का नहीं, सबका होता है। पद के नाते फलक बढ़ गया है। उत्तर प्रदेश की 24 करोड़ से अधिक जनता मेरा परिवार है। उनकी बेहतरी और प्रदेश का विकास मेरा फर्ज है। पश्चिम बंगाल की जनता भाजपा को सत्ता सौंपने का मन बना चुकी है।

असम विधानसभा चुनावों के बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी आज अपनी पार्टी का घोषणा पत्र जारी करेंगे। जिसमें राहुल की उन पांच गारंटी की भी चर्चा होगी जो उन्होंने शुक्रवार को असम के लोगों को’देते हुए कहा था कि असम में अगर उनकी पार्टी की सरकार बनती है तो सीएए लागू नहीं होगा और छह घंटे के अंदर चाय श्रमिकों

आज दिल्ली दंगा को एक साल पूरा हो चुका है। संशोधित नागरिकता कानून और एनआरसी को लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शन किस प्रकार भड़ाऊ बयान बाजियों से दंगों में तब्दील हुए ये पूरी दुनिया ने देखा। वहीं बीजेपी नेता कपिल मिश्रा का कहना है कि जो उन्होंने 23 फरवरी को किया अगर वो फिर से करना पड़े तो वो जरूर करेंगे...

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने असम विधानसभा चुनावों की तैयारी के लिए कांग्रेस के इलेक्शन कैंपने की आज शुरुआत की...

सीएए के विरोध में पूर्वी दिल्ली में हुए दंगे से संबंधित आरोपपत्र में उमर खालिद के एक वीडियो का जिक्र है। इसके जरिये बताया गया है कि उमर खालिद साजिश को लेकर पूरी तरह आश्वस्त था कि सरकार झुकेगी और सीएए को वापस ले लिया जाएगा।

भारतीय जनता पार्टी की 2019 लोकसभा चुनाव में कई चुनावी वादें किए और शानदार जीत के बाद पार्टी ने कई वादों को पूरा भी किया। साल 2020 बीजेपी के लिए ऐसा साल रहा जब कई और वादों पर सरकार ने अमल किया है। ऐसे में सरकार को कई मुद्दों पर विपक्ष के विरोध का सामना भी करना पड़ा...

जब उत्तरपूर्वी दिल्ली दंगों से धधक रही थी तो शाहीन बाग मात्र एक ऐसा धरना स्थल था जहां पर शांतिपूर्वक विरोध प्रदर्शन चल रहा था और कोरोना लॉकडाउन लगने तक लगातार चलता रहा...

धीरे-धीरे साल 2020 भी खत्म होने जा रहा है। ऐेसे में अब समय आ गया है कि याद किया जाए कि इस साल केंद्र की मोदी सरकार के लिए कौन कौन से बड़े मुद्दे सिर दर्द बन गए कहां -कहां पार्टी को विपक्ष का जोरदार विरोध झेलना पड़ा...

इसी बीच पश्चिम बंगाल में चुनाव की तैयारियों में व्यस्त गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने सीएए को बयान दिया है।

दिल्ली में एक बार फिर से संशोधित नागरिकता कानून और एनआरसी को लेकर प्रदर्शन शुरू हो सकते हैं। मिली जानकारी के अनुसार जेएनयू के छात्र इस प्रकार का कदम उठा सकते हैं। ऐसे में दिल्ली पुलिस इस बार पहले से ही अलर्ट हो गई है...

नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ पिछले साल दिसंबर में राजधानी लखनऊ में हुए हिंसक प्रदर्शन के मामले के आरोपियों के पोस्टर एक बार फिर जारी किए गए हैं...

दिल्ली की एक अदालत ने मंगलवार को 27 वर्षीय जामिया विश्वविद्यालय (Jamia University) के एक छात्र को जमानत देने से इंकार कर दिया, कोर्ट ने कहा कि नागरिकता संशोधन विधेयक...

उत्तर पूर्वी दिल्ली दंगा आरोपी जेएनयू के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद ने गुरुवार को अदालत में बताया कि उसे जेल मैं अपनी कोठरी से भी बाहर नहीं निकलने दिया जाता और उसे एक तरह से एकांतवास में रखा गया है...

बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा द्वारा नागरिकता संशोधन अधिनियम को जल्द लागू करने वाले बयान को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बेहद दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है...

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने दिल्ली के शाहीन बाग (Shaheen bagh) मामले में अपना फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने कहा है कि सार्वजनिक स्थानों पर विरोध प्रदर्शन किया जा सकता है मगर अनिश्चितकाल के लिए नहीं। इस तरह के मामलों में प्रशासन को खुद ही बिना कोर्ट की इजाजत के कार्यवाही करनी चाहिए....

उत्तरप्रदेश (Uttarpradesh) के हाथरस में गैंगरेप (Hathras Gangrape) के बाद सरकार और विपक्ष आमने सामने है। एक तरफ सरकार दावा कर रही है कि वह पीड़िता को न्याय दिलाने की पूरी कोशिश कर रही है वहीं दूसरी तरह उसका आरोप है कि विपक्ष इस मामले को तूल देकर सरकार के खिलाफ साजिश कर रहा है...

दिल्ली दंगों की साजिश के केस में कोर्ट ने जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद को 22 अक्टूबर तक की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है...

82 साल की बिलकिस दादी नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ लगभग 3 महीने से अधिक शाहिनबाग आंदोलन के धरने पर बैठी थी। बिल्किस दादी ने नवोदय टाइम्स को बताया कि...

संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ दिल्ली के शाहीन बाग में दिसंबर 2019 में लंबे समय तक चले विरोध प्रदर्शन के केस में सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि विरोध प्रदर्शन के अधिकार के मामले में कोई सार्वभौमिक नीति नहीं हो सकती है...