
कोरोना महामारी (corona pandamic) के चलते प्रियंका चोपड़ा (priyanka chopra) और उनके पति निक जोनस (nick jonas) को एक दूसरे का ख्याल ज्यादा रखना पड़ रहा है। वह दोनों ही इन्फेक्शन को लेकर काफी सेंसिटिव हैं। ऐसे में वर्क फ्रॉम होम उनके लिए काफी फायदेमंद साबित हो रहा है।

त्योहारों का सीजन चल रहा है। ऐसे में ''दिवाली'', ''ईद'' ,''क्रिसमस'' ये कुछ ऐसे बड़े त्योहार हैं जब पटाखों का भारी मात्रा में सेवन होता है। बता दें इन पटाखों में काफी धउंआ और पलूशन होता है जो काफी नुकसान करती है। इस दौरान लोगों को सांस लेने में काफी दिक्कत हो जाती है। लेकिन सबसे ज्यादा नुकसान इस दौर

वैसे तो हरि साघ सब्जियां (Green Vegetables) हमारे सेहत के लिए काफी फायदेमंद (Benefits) होती है लेकिन कुछ सब्जियां इंसानो को ज्यादा पसंद नहीं आती है...

अस्थमा एक ऐसी बीमारी है जो धीरे-धीरे इंसान के शरीर को खत्म करती है। आमतौर पर अस्थमा के केस दुनिया में ज्यादा बढ़ गए हैं खासकर भारत जैसे देश में तो अस्थमा के मरीजों की तादाद 2 करोड़ से ज्यादा ऊपर तक पहुंच गई है और इसमें दिन-प्रतिदिन इजाफा भी हो रहा है।

पराग के मौसम में पैदा होने वाले बच्चों में सांस से जुड़ी बीमारी जैसे अस्थमा का खतरा बढ़ जाता है। हालांकि यदि कोई महिला इस मौसम में गर्भवती है तो बच्चे गर्भाशय में सुरक्षित होते हैं। इसका खुलासा एक शोध से हुआ है। ये शोध यूरोप और ऑस्ट्रेलिया में किया गया।

एक नए अध्ययन से पता चला है कि जन्म के समय वायु प्रदुषक ओजोन (ओ 3) के संपर्क में आने से तीन साल की उम्र तक अस्थमा होने का खतरा बढ़ सकता है।

विश्व अस्थमा दिवस (World Asthma Day)हर साल 1 मई को मनाया जाता है। इस दिन अस्थमा को लेकर लोगों को जागरूक किया जाता है। अस्थमा से ग्रसित लोगों को सांस लेने में दिक्कत, सीने में दर्द, खांसी और घरघराहट होती है।

क्या आप अस्थमा या किसी अन्य सांस से संबंधित रोग से पीड़ित हैं। अगर ऐसा है तो पशुपालन आपके लिए जोखिम भरा साबित हो सकता है। विशेषज्ञों ने इस बात की पुष्टि की है।

ठंड के मौसम में अस्थमा के अटैक का खतरा बढ़ जाता है। विशेषज्ञों के अनुसार ठंड में सूखी हवा और आसपास के वातावरण में वायरस की बढ़ोतरी से अस्थमा की समस्या ज्यादा गंभीर हो जाती है। ठंड के मौसम में सांस की नलियों में सूजन के कारण सांस की नलियां बहुत ज्यादा सिकुड़ जाती हैं, जिससे बलगम जैसा पदार्थ जमा होने

अक्सर हम कुछ भी खाने-पीने के बाद दवाइयां खा लेते है, क्योकि हम सोचते है कि हमने कुछ खा लिया और अब दवाई ले लेनी चाहिए

दीपावली की आतिशबाजी भले ही थम गई हो, लेकिन पटाखों से निकलने वाले सल्फरडाई ऑक्साइड एवं नाइट्रोजन ऑक्साइड जैसी टॉक्सिक गैसों ने अस्थमा मरीजों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं।

प्रकाशन जर्नल सांख्य ट्रासलेशनल मेडेसिन ने अपने शोध में एक ऐसे प्रोटीन के बारे में पता लगाया है जो फेफडों के कैंसर पीड़ित लोगों के लिए एक वरदान साबित हो सकता है।

अस्थमा से पीड़ित मरीजों के लिए यह बड़ी राहत हो सकती है, शोधकर्ताओं ने 20 साल में पहली बार इस रोग के लिए गोली तैयार की है।