कार्यक्रम के मुख्य वक्ता प्रो. अरुण कुमार भगत, माननीय सदस्य, बिहार लोकसेवा आयोग ने श्रीरंजन सूरिदेव के कृतित्व को याद करते हुए कहा कि आचार्य जी हिंदी के लब्धप्रतिष्ठ कवि कुशल गद्यकार और समर्थ संपादक थे। आचार्य जी के जीवन में रचनात्मकता त्रिवेणी का संगम दिखाई देता है।
आईटीबीपी के हिमवीरों ने एक साथ देश की 75 चोटियों पर फहराया तिरंगा
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