उच्चतम न्यायालय ने 15 अप्रैल को प्रयागराज में लोकसभा के पूर्व सदस्य अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की पुलिस हिरासत में हुई हत्या पर उत्तर प्रदेश सरकार को फटकार लगाई है और कहा है कि इसमें ‘‘किसी की मिलीभगत है''''। न्यायालय ने राज्य सरकार से 2017 के बाद से हुई 183 ‘‘पुलिस मुठभेड़'''' पर स्थिति रिपोर्ट भी
माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की पुलिस हिरासत में हत्या की घटना का एसआईटी, फारेंसिक टीम और न्यायिक जांच आयोग की टीम ने बृहस्पतिवार को नाट्य रूपांतरण किया । पुलिस सूत्रों ने बताया कि एसआईटी और अन्य टीमें दोपहर करीब डेढ़ बजे घटनास्थ
गैंगस्टर अतीक अहमद और अशरफ की हत्या के आरोपी लवलेश तिवारी, मोहित उर्फ सनी और अरुण कुमार मौर्य को बुधवार को एक अदालत ने चार दिन की पुलिस कस्टडी रिमांड (पीसीआर) में भेजने के आदेश दिए। इन अभियुक्तों को बुधवार की सुबह मुख्य दंडाधिकारी (सीजेएम) डी.के. गौतम की अदालत में पेश किया गया। पुलिस ने इन तीनों आरो
प्रयागराज में पिछले शनिवार को तीन हमलावरों की गोलीबारी में मारे गए माफिया अतीक अहमद की ''चिट्ठी'' बंद लिफाफे में उच्चतम न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के पास भेजी जा रही है। उधर, उच्चतम न्यायालय अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या की स्वतंत्र जांच का अनुरोध करने वाली याच
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