राजद नेता तेजस्वी यादव ने पार्टी कार्यकर्ताओं से प्रदेश में मध्यावधि चुनाव के लिए कमर कसने का आह्वान करते हुए कहा कि यह चुनाव ''कभी भी, 2021 में भी'' हो सकते हैं...
इन चुनावों में एनडीए जहां सबसे बड़ी पार्टी बन के उभरी है तो वहीँ आरजेडी ने भी अपनी बड़ी छवि प्रस्तुत की है।
बिहार विधानसभा के साथ देश के बाकी राज्यों में हुए उपचुनाव के परिणाम कांग्रेस के लिए सबक है। पार्टी को अपनी स्थिति पर गहराई से मंथन करने की जरूरत है। यह बेहतर वक्त था, जब बिहार में कांग्रेस अपनी सियासी जमीन मजबूत कर सकती थी, लेकिन इसमें असफल साबित हुई। वहीं मध्य प्रदेश के उपचुनावों में
बिहार विधानसभा चुनाव में अपने पिता की राजनीतिक विरासत बचाने उतरे उम्मीदवारों में से राजद प्रमुख लालू प्रसाद के दोनों बेटे जहां जीतने में कामयाब रहे वहीं दिग्गज समाजवादी नेता शरद यादव की पुत्री और अभिनेता से नेता बने शत्रुघ्न सिन्हा के पुत्र को हार का सामना करना पड़ा। बिहार विधानसभा चुनाव में अपना
बिहार विधानसभा चुनाव में बेहद रोमांचक मुकाबले में मुख्यमंत्री और जदयू प्रमुख नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले राजग ने 125 सीटों पर जीत कर बहुमत का जादुई आंकड़ा हासिल कर लिया लेकिन चुनाव में बड़े उलटफेर में नीतीश सरकार के मंत्री कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा, सुरेश शर्मा, शैलेश कुमार, फिरोज अहमद, ब्रजकिशोर
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के साथ मिलकर बिहार में विधानसभा चुनाव लडऩे के मैदान में अकेले उतरी लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) को करारी हार मिली है और उसे सिर्फ एक सीट से ही संतोष करना पड़ा है, लेकिन उसने करीब दो दर्जन सीटों पर जदयू, वीआईपी पार्टी को नुकसान पहुंचाया। चिराग पासवान की पार्टी ने 135
राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद की तबियत बिगड़ी, लाये गए रांची से दिल्ली...
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