
अक्षय कुमार की आने वाली फिल्म ‘टॉयलेट: एक प्रेमकथा’ का प्रशंसक बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। फिल्म में अक्षय कुमार, भूमि पेडनेकर और दिव्येंदु शर्मा मुख्य भूमिका में हैं।

उन तथाकथित मर्दों के मुंह पर तमाचा है,जो हमेशा लड़कियों के पहनावे और हावभाव को भड़काने वाला बताकर अपनी गंदी सोच छुपाने की कोशिश करते हैं।

सामान्य आदमी के लिए अगले एक-दो सप्ताह संकट भरे होंगे। बाजार का रुख बिगड़ेगा लेकिन मर्ज इतना गंभीर था कि यह कड़वी दवाई जरूरी थी।

लड़कियों के खुशमिजाजी को हमबिस्तर होने की गारंटी समझने वाले मर्दों के मुँह पर करारा तमाचा मारती इस फिल्म को हर वर्ग के लोगों को देखनी चाहिए।

प्रभु से उम्मीद थी कि रेल मंत्री के रूप में रेलवे की सेहत सुधारने के लिए वह नई सोच के साथ काम करेंगे लेकिन जनता को निराशा ही हाथ लगी है।

गुलज़ार साहब ने ज़माने को सिखाया है कि 83 साल का एक कवि या शायर कैसे ज़माने से कदम मिला सकता है और अपने शब्दों की खुशबू से लोगों को महका सकता है।

कुछ फिल्मी सितारों के साथ समस्या यह होती है कि वे कितने ही बड़े हो जाएं, मानसिकता के स्तर पर वे बिगड़ैल किशोरों के स्तर से ऊपर नहीं उठ पाते।

समाज की इस संकुचित होती मानसिकता को बदलने की जरूरत है। इस बारे में लोगों को जागरूक किया जाना चाहिए कि बुजुर्ग कभी बेकार नहीं होते।