तीन महीनों उनकी टीम ने इसका प्रयोग गंभीर रोगियों पर किया और अभी तक अच्छे परिणाम सामने आए हैं। झांग शिनमिन ने बताया कि अभी तक किसी भी मरीज पर क्लीनिकल परीक्षण के दौरान खराब परिणाम नहीं आए हैं।
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