गाजियाबाद के जिला महिला अस्पताल से नवजात को सांस लेने में परेशानी होने पर सोमवार रात नोएडा के बच्चा अस्पताल रेफर किया गया। लेकिन उसे भर्ती नहीं किया, जिसके बाद नवजात को दिल्ली के लिए रेफर कर दिया गया। यहां परिजन दिल्ली के कई अस्पतालों में भटकते रहे। लेकिन किसी ने भी नवजात को भर्ती नहीं किया। अगली दि
जनपद गाजियाबाद में कोरोना संक्रमण एक बार फिर से डराने लगा है। बुधवार को 2 साल की बच्ची समेत 15 मरीज मिलने से स्वास्थ्य विभाग में हडकंप मचा है। संक्रमितों के उपचार के लिए सरकारी स्तर पर संयुक्त जिला अस्पताल में कोविड वार्ड तैयार करा लिया गया है। जहां फिलहाल तीन मरीजों का उपचार चल रहा है। इसके अलावा स
गाजियाबाद का दूसरा सबसे बड़ा सरकारी संयुक्त जिला अस्पताल में बनाई जा रही सडक़ पर चलना आसान होने से पहले ही मरीजों के लिए मुसीबत बनी हुई है। बीते 15 दिन से सडक़ निर्माण का कार्य किया जा रहा है। अब इमरजेंसी के सामने सडक़ निर्माण होने पर मरीजों को परेशानी हो रही है। सडक़ निर्माण के चलते रविवार को एंबुलेंस
संयुक्त जिला अस्पताल में उस समय अजीबोगरीब स्थिति बन गई जब प्रसव के लिए पहुंची महिला की सीएमएस के कमरे के पास डिलीवरी हो गई। बताया गया कि महिला लेबर वार्ड जाने का रास्ता भटक गई और वह अस्पताल के प्रथम तल पर पहुंच गई, जहां प्रसव पीड़ा अधिक होने पर उसका प्रसव हो गया। बाद में अस्पताल स्टाफ मां व बच्चे को
कोरोना संक्रमण के प्रति सतर्कता या निशुल्क बूस्टर डोज मिलने पर लोगों में उत्साह कहा जाएं। चाहें, जो भी हो, लेकिन जिन टीकाकरण केंद्रों पर सुबह से शाम तक एक-दो ही लोग कोरोनारोधी टीका लगवाने पहुंचते थे। वहीं, शुक्रवार को टीकाकरण केंद्रों पर भीड़ दिखाई दी। लोगों ने एहतियाती डोज लगवाने को लेकर लंबी-लंबी
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