उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को एक गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) की ओर से दायर उस जनहित याचिका पर सुनवाई नवंबर तक के लिए टाल दी, जिसमें मतदाताओं द्वारा इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के जरिये डाले गए वोटों का सत्यापन वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट) से कराने का अनुरोध किया गया था। न्यायमूर्ति संजी
केंद्रीय बजट में केंद्रीय कानून मंत्रालय को लगभग 1,900 करोड़ रुपये 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) खरीदने के लिए आवंटित किए गए हैं। बजट दस्तावेज के मुताबिक, निर्वाचन आयोग द्वारा ईवीएम
मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने बुधवार को कहा कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) की विश्वसनीयता को लेकर शिकायत करने वाली पार्टियों ने भी इसी उपकरण का उपयोग करके चुनाव जीते हैं। ईवीएम से छेड़छाड़ के आरोपों के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में कुमार ने कहा, ‘‘अगर ईवीएम बोल सकती तो शायद यही
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