
कांग्रेस ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान करने वाले 103वें संविधान संशोधन पर उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुए सोमवार को कहा कि यह आरक्षण मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा आरंभ की गई प्रक्रिया का परिणाम है। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह

उच्चतम न्यायालय द्वारा सोमवार को ईडब्ल्यूएस आरक्षण की वैधता को बरकरार रखने के फैसले की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सराहना करते हुए, इसे देश के गरीबों को सामाजिक न्याय प्रदान करने के अपने “मिशन” में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जीत करार दिया।

उच्चतम न्यायालय ने दाखिलों और सरकारी नौकरियों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान करने वाले 103वें संविधान संशोधन की वैधता को दो के मुकाबले तीन मतों के बहुमत से सोमवार को बरकरार रखा।

उच्चतम न्यायालय दाखिले और सरकारी नौकरियों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लोगों को 10 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने वाले 103वें संविधान संशोधन की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सोमवार को अपना फैसला सुनाएगा। शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर अपलोड की गई सात नवंबर की वाद सूची के अनुसार प्रधान

अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए ‘‘पूरी तरह से स्वतंत्र’’ आरक्षण को खत्म किए बिना आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) को पहली बार सामान्य वर्ग की 50 प्रतिशत सीटों में से दाखिले और नौकरियों में 10 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है। केंद्र ने मंगलवार को उच्चतम