
गणतंत्र दिवस के दिन दिल्ली में ट्रैक्टर परेड के दौरान किसान और पुलिसकर्मियों के बीच हुई हिंसक झड़ुप के बाद संयुक्त किसान मोर्चा अब 30 जनवरी यानी आज के दिन को पूरे देश में सद्भावना दिवस के रूप में मना रहा है।

कृषि कानून को निरस्त करने की मांग पर अड़े किसान और केंद्र सरकार के बीच समझौता होता नहीं दिख रहा है। इसी कड़ी में अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव हन्नान मोल्लाह ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने सीधे पीएम नरेंद्र मोदी पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि अब तक समाधान नहीं निकल पाना उनकी व्यक्तिगत विफलता है..

केन्द्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों और सरकार के बीच थोड़ी देर में शुरू होगी, जिसमें दोनों पक्ष एक महीने से जारी गतिरोध को खत्म करने की कोशिश करेंगे। सूत्रों के अनुसार वार्ता शुरू होते ही किसान प्रतिनिधियों ने केंद्र से कानून वापसी की मांग की है।

देश की राजनीति लगातार किसान आंदोलन के इर्द-गिर्द घूमती जा रही है। विपक्ष किसान आंदोलन के बहाने पीएम नरेंद्र मोदी पर लगातार प्रहार करती रही है। तो वहीं मोदी सरकार को तब बड़ी राहत मिली जब कई किसान संगठनों ने सरकार के साथ खड़ा रहने का ऐलान किया है...

दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन थमने का नाम नहीं ले रहा है। भले ही केंद्र सरकार के सभी काबिना मंत्री किसान चौपाल में किसानों को फायदा गिनाते-गिनाते थक नहीं रहे है। वहीं पीएम नरेंद्र मोदी ने भी आज मोर्चा संभाला। उनके शासनकाल में किसानों को पहुंचे फायदे के बारे में विस्तार से जानकारी दी। कृषि मंत्री नर

केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को कहा कि यदि किसानों को कानून लाभकारी नहीं लगते तो सरकार उनमें संशोधन करेगी।

बीजेपी आज देश भर में किसान चौपाल का आयोजन किया है। एक तरफ पीएम नरेंद्र मोदी 9 करोड़ किसानों को 18 हजार करोड़ रुपये का तोहफा दिया है। तो दूसरी तरफ देश भर में अलग-अलग शहरों में केंद्रीय मंत्रियों सहित तमाम बीजेपी नेता 2500 किसान चौपाल में हिस्सा लेकर विपक्ष को संदेश देने की कोशिश की है। दिल्ली में आयो

केंद्र की मोदी सरकार द्वारा लाए गए नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों संगठनों का आंदोलन 28वें दिन भी जारी है। इस बीच बीजेपी की पंजाब इकाई ने सोशल मीडिया पर एक पोस्टर जारी किया। जिसके बाद ये उनके गले की हड्डी बन गई है...