संसद में तीन कृषि कानून निरस्त होने के बाद प्रदर्शनकारियों ने इसे अपनी जीत करार देते हुए, एमएसपी की गारंटी, शहीदों के परिजनों को मुआवजा देने की मांग रखी। पंजाब की 32 जत्थेबंदियों की सोमवार को सिंघू बॉर्डर पर हुई बैठक में घर वापसी पर सहमति बन गई है
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फैसले का शुक्रवार को स्वागत किया, लेकिन अफसोस जताया कि सरकार कुछ किसान समूहों को कानूनों के लाभों के बारे में समझाने में असफल रही। इस फैसले की सराहना करते
आंदोलन और संघर्ष का रास्ता कभी भी निष्फल नहीं जाता। तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा से यह बात एक बार फिर सही साबित हुई। वक्त लग सकता है, परिणाम मिलता जरूर है। खासकर अहिंसक आंदोलन लोकतंत्र में सबसे कामयाब हथियार साबित हुआ है। कृषि कानूनों के खिलाफ बीते करीब पौने 12
तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा को कांग्रेस ने सरकार के अहंकार की हार और किसानों के संघर्ष की जीत करार दिया। कांग्रेस ने दावा किया कि प्रधानमंत्री ने सार्वजनिक रूप से अपना ‘अपराध’ स्वीकार किया है और अब ‘700 किसानों की मौत एवं उनके दमन’ के लिए उन्हें देश से माफ
केन्द्र द्वारा लागू तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों द्वारा आज भारत बंद किया गया है, इसके मद्देनजर एहतियाती तौर पर थोड़ी देर के लिए दिल्ली मेट्रो के टीकरी बॉर्डर, बहादुरगढ़ सिटी...
RBI ने 1,514 शहरी सहकारी बैंकों के लिए 4 कदम उठाए
नशीला पदार्थ बेचने को लेकर हुए झगड़े में हत्या करने वाला गिरफ्तार
अंतरराष्ट्रीय रैफरी जगबीर बोले- महिला पहलवानों के प्रति बृजभूषण का...
न्यू बोर्न चाइल्ड हास्पिटल में आग, 20 नवजात बच्चों को रेस्क्यू किया...
उमर खालिद के जेल में 1000 दिन : समर्थन में जुटे बड़ी संख्या में लोग