
एक महीने से अधिक समय से प्रदर्शन कर रहे पहलवानों से मुलाकात के बाद खेलमंत्री अनुराग ठाकुर ने बुधवार को कहा कि यौन उत्पीड़न के आरोपों का सामना कर रहे डब्ल्यूएफआई के निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ 15 जून तक आरोपपत्र दाखिल हो जायेगा । प्रदर्शनकारी पहलवानों से मुलाकात के बाद सरकार ने उनकी ह

केंद्र की मोदी सरकार ने आंदोलन कर रहे पहलवानों से भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों की पुलिस जांच 15 जून तक पूरी होने तक इंतजार करने को कहा है जिसके बाद वे एक हफ्ते के

राष्ट्रीय लोक दल के अध्यक्ष जयंत चौधरी ने मंगलवार को केंद्र की भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा शासित केंद्र सरकार नारों और झूठे वादों की बैसाखियों पर चल रही है। उन्होंने एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, "भाजपा शासित केंद्र सरका

दिल्ली पुलिस ने प्रदर्शनकारी पहलवानों को उनके धरनास्थल से हटाए जाने के एक दिन बाद सोमवार को कहा कि उन्हें जंतर-मंतर को छोड़कर किसी अन्य उपयुक्त स्थल पर प्रदर्शन की अनुमति दी जाएगी। पुलिस उपायुक्त (नयी दिल्ली) ने ट्वीट किया, ‘‘ कुश्ती पहलवानों का धरना और प्रदर्शन निर्बाध तरीके से जंतर-मंतर पर चल रहा

कांग्रेस ने दिल्ली में महिला पहलवानों के साथ कथित बदसलूकी और शाहबाद डेरी इलाके में किशोरी की निर्मम हत्या के मामलों को लेकर सोमवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि यह सरकार बेटी नहीं, बेटी के साथ अपराध करने वालों को बचाती है। पार्टी नेता अलका लांबा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी

आंदोलनरत पहलवानों के समर्थन में रविवार को दिल्ली के जंतर-मंतर जाने के लिए निकले भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के प्रवक्ता राकेश टिकैत को यूपी गेट पर रोक लिया गया। ऐसे में समर्थकों के साथ टिकैत वहां धरना देकर बैठ गए। इस दौरान भाकियू कार्यकर्ताओं ने 2 बार अवरोधक हटाकर दिल्ली में प्रवेश करने की कोशिश की

दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे पहलवानों के समर्थन में बुलायी गयी ''महिला महापंचायत'' में शामिल होने के लिए समर्थकों के साथ राष्ट्रीय राजधानी की ओर बढ़ रहे हरियाणा के कई किसान नेताओं को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। किसान संगठन ‘भारतीय किसान

नई दिल्ली,(जुनेद अख्तर):दिल्ली से सटे ग्रेटर नोएडा में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण स्थित किसानों के महापड़ाव के दौरान बुधवार को बॉक्सिंग के कोच प्रमोद जिला सेक्रेटरी प्रवेश के नेतृत्व में बॉक्सिंग के 40 खिलाडिय़ों द्वारा पीडि़त किसानों का समर्थन किया गया। जिसमें अधिक संख्या लड़कियों की रही। इस दौरान बॉक्स

भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पहलवानों के विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के लिए सोमवार को किसानों ने पुलिस अवरोधक तोड़ दिए। हालांकि, दिल्ली पुलिस ने प्रदर्शन स्थल पर किसी अप्रिय घटना से इनकार किया। घटना से संबंधित कथित वीडियो में किसान अवरोधकों पर चढ़ते और यहां तक कि इनम

पहलवानों के गंभीर आरोपों के बाद मुश्किलों का सामना कर रहे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने दिल्ली के जंतर मंतर पर अपने खिलाफ धरना दे रहे पहलवानों के विरोध प्रदर्शन में खाप पंचायतों के भी उतर जाने के बाद रविवार को एक बयान जारी कर खाप पंचायतों से भावनात्मक अपील की है। कैसरगंज सी

दिल्ली उच्च न्यायालय ने जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि के खिलाफ उस प्राथमिकी की जांच की स्थिति से केंद्र को अवगत कराने को कहा है, जो 2021 में हुए किसानों के प्रदर्शन का समर्थन करने वाला एक ‘टूलकिट'' साझा करने में उसकी

अधिग्रहित भूमि पर कब्जा लेने पहुंची सरकारी विभाग की टीम को भारी विरोध झेलना पड़ा। मांगें अधूरी रहने से नाराज किसानों ने जमकर बवाल मचाया। काम रूकवाने के लिए प्रदर्शनकारी जेसीबी वाहन के आगे लेट गए। विवाद गहराने पर पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। लाठीचार्ज में 4 किसान घायल हो गए। इसके बाद 18 किसानों को प

किसान आंदोलन के दौरान शामिल वह तमाम संगठन जो आंदोलन समाप्ति के बाद पंजाब चुनावों में राजनीति की राह चल दिए थे, संयुक्त किसान मोर्चा ने उनके लिए अपने दरवाजे फिलहाल बंद ही रखे हैं। रविवार को गाजियाबाद में हुई संयुक्त किसान मोर्चा की राष्ट्रीय बैठक में किसान नेताओं ने साफ किया कि चुनाव लडऩे वाले संगठन

दिल्ली से सटे गाजियाबाद में शुक्रवार को अलग-अलग मुद्दों पर विरोध प्रदर्शन हुए। कहीं किसान संगठनों ने तो कहीं कारोबारियों ने अपना विरोध जताने के लिए प्रदर्शन का सराहा लिया। अग्निपथ योजना के विरोध में जहां संयुक्त किसान मोर्चा ने जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन का आह्वाहन किया था। वहीं दूसरी ओर नगर निगम द्व

अग्निपथ योजना के विरोध में पिछले दिनों हुए भारत बंद के बाद अब संयुक्त किसान मोर्चा ने भी अपना विरोध दर्ज कराने का फैसला लिया है। संयुक्त किसान मोर्चा ने सेना में भर्ती की नई अग्निपथ योजना के खिलाफ युवाओं के विरोध को अपना समर्थन घोषित किया है। विरोध प्रदर्शन को शांतिपूर्ण बनाए रखने की अपील करते हुए स

वेव सिटी के बयाना पीर पर वीरवार को संयुक्त किसान मोर्चा की पंचायत हुई। जिसमे वेव सिटी ,सन सिटी, आदित्य वल्र्ड सिटी प्रोजेक्ट से प्रभावित बड़ी संख्या में किसानों ने हिस्सा लिया। बैठक के दौरान निर्णय लिया गया कि जिला प्रशासन व जीडीए किसानों की कोई सुनवाई नहीं कर रही है। इसलिए विरोध स्वरूप किसान आगामी

प्रतिष्ठित भारतीय- अमेरिकियों के एक समूह ने अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी आयोग की ताजा वार्षिक रिपोर्ट पर नाखुशी जताई और आरोप लगाया कि यह भारत के खिलाफ पक्षपातपूर्ण है। इस रिपोर्ट में राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन को धार्मिक स्वतंत्रता के दर्जे के

किसान नेता राकेश टिकैत ने मंगलवार को यहां कोतवाली में भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के कुछ कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी के विरोध में अपने समर्थकों के साथ अनिश्विचकालीन धरना शुरू किया। मामले ने उस वक्त तूल पकड़ लिया जब जिला अस्पताल के आपातकालीन वार्ड

दिल्ली से सटे गाजियाबाद में वेब सिटी, सनसिटी और आदित्य वल्र्ड सिटी के प्रभावित सभी 18 ग्राम के किसानों द्वारा आयोजित महापंचायत व आयोजक समिति को आम आदमी पार्टी ने समर्थन पत्र देकर हर सम्भव मदद का आश्वासन दिया। जिलाध्यक्ष चेतन त्यागी ने कहा कि आज तक किसानो को उनकी जमीन का सही मूल्य नहीं मिला है। सरकार

तय कार्यक्रम के मुताबिक सोमवार को किसानों ने वादा खिलाफी दिवस मनाया और जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन करते हुए , राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा। किसान करीब 12 बजे जिला मुख्यालय पहुंचे और अपना विरोध दर्ज कराया। भारतीय किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष चौधरी विजेन्द्र सिंह ने कहा कि किसान आंदोलन के खत्म होते वक्त

पिछले 40 दिन से केजरीवाल सरकार के खिलाफ अपनी मांगों को लेकर धरना दे रहे किसानों का प्रदर्शन रविवार को भाजपा नेताओं के हस्तक्षेप के बाद समाप्त कर दिया गया। केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी, प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता, नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी, सांसद मनोज तिवारी और रमेश बिधूड़ी ने धरनारत किसान

सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाते हुए संयुक्त किसान मोर्चा फिर से सरकार को घेरने की योजना बना चुकी है। जिसका शंखनाद सोमवार से होगा। सोमवार को किसान मोर्चा वादा खिलाफी दिवस मनाएगा। भारतीय किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष चौधरी विजेन्द्र सिंह ने बताया कि सोमवार करीब 12 बजे किसानों का प्रतिनिधि मंडल जिला मु

सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाते हुए संयुक्त किसान मोर्चा फिर से सरकार को घेरने की योजना बना चुकी है। जिसका शंखनाद सोमवार से होगा। सोमवार को किसान मोर्चा पूरे देश में वादा खिलाफी दिवस मनाने जा रहा है। मोर्चा के राष्ट्रीय नेता जगतार सिंह बाजवा ने बताया कि दिल्ली में चले किसान आंदोलन को खत्म कराते स

नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने दिल्ली सरकार को चुनौती देते हुए कहा कि वह किसानों के धैर्य की परीक्षा न ले क्योंकि किसान अपनी इस अनदेखी को और बर्दाश्त नहीं करेंगे। सीएम आवास के बाहर धरनारत किसानों व अन्य भाजपा पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं के साथ महापंचायत में साफ कहा कि जब तक किसानों की मांगें प

दिसंबर में सरकार के आश्वासन के बाद गाजीपुर बॉर्डर से वापस अपने घरों को लौटे किसान सोमवार को फिर से विरोध प्रदर्शन करने निकले और विश्वघात दिवस मनाया। इस दौरान विभिन्न किसान संगठनों ने सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाते हुए ज्ञापन सौंपे। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि सरकार ने जिन वादों का आश्वासन द

चुनाव केवल सियासी दलों का अखाड़ा नहीं होते, जहां वो एक दूसरे को शह और मात के लिए जोर आजमाइश करते हैं। बल्कि ये मौका जनता के लिए भी होता है। जो अपनी अधूरे वादों और शर्तों को सामने रख, अपने अंदाज में परिणामों को प्रभावित करने की ताकत दिखाता है। जैसे ही विधानसभा चुनावों की घोषणा हुई। तभी से पार्टिंयों

मंडोला आवास विकास के खिलाफ अनशन पर बैठे किसानों का शनिवार को अनशन खत्म हो गया। लोनी एसडीएम संतोष कुमार राय, लोनी सीओ रजनीश कुमार उपाध्याय ने अनशन खुलवाया। आवास विकास कार्यालय के अंदर से ही किसानों का कर्मी अनशन जारी रहेगा। उधर रविवार को होने वाली महापंचायत को भी स्थागित कर दिया गया। किसान नेता नीरज

बढ़े मुआवजे की मांग को लेकर बीते 5 सालों से प्रदर्शन कर रहे मंडोला समेत छह गांव के किसान ने मंगलवार को आवास विकास कार्यालय परिसर में अर्धनग्न आमरण अनशन पर बैठ गए। किसानों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने किसानों को रोकने के बल प्रयोग किया और इस दौरान दो महिला समेत तीन किसान घायल हो गए। ग्रामीणों ने कार्या

मंडोला विहार योजना से प्रभावित किसानों ने अपनी मांगों को लेकर पांच वर्षो से चल रहे सत्याग्रह आंदोलन स्थल पर पीडि़त किसानों ने अपनी अधिग्रहित जमीन के मुआवजे व अन्य मांगों को लेकर एक बार फिर से आमरण अनशन पर बैठने का निर्णय लिया है। शनिवार को इस संबध में किसानों ने बैठक की थी। मंगलवार से किसान अपना अन

मंडोला विहार योजना से प्रभावित किसानों ने अपनी मांगों को लेकर पांच वर्षो से चल रहे सत्याग्रह आंदोलन स्थल पर शनिवार को मंडोला समेत छ: गांव के किसानों की एक बैठक आयोजित की गई। जिसमें क्षेत्र के तमाम किसान एकजुट हुए। इस दौरान पीडि़त किसानों ने अपनी अधिग्रहित जमीन के मुआवजे व अन्य मांगों को लेकर एक बार

जनता की नब्ज चेक करने के लिए हुए जनविश्वास यात्रा के आयोजन में विरोध का तडक़ा भी लगा। इस दौरान ना केवल विपक्षी दल बल्कि अपनी समस्याओं को लेकर विरोध जता रहे विभिन्न सामाजिक संगठनों, किसानों व अन्य लोगों ने अपना विरोध दर्ज कराने की भरपूर कोशिश की। हालांकि पुलिस प्रशासन पहले से ही इसके लिए तैयार था। इसल

कंगना रनौत पहुंची पुलिस स्टोशन।

भारतीय जनता पार्टी की जन विश्वास यात्रा शनिवार को गाजियाबाद पहुंचेगी। जहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रोड शो करेंगे। यह यात्रा मुरादनगर से लोनी और फिर साहिबाबाद होते हुए गाजियाबाद पहुंचेगी। जहां रोड शो के बाद यात्रा नोएडा के लिए रवाना हो जाएगी। इस संबध में बुधवार को मुरादनगर में एक प्रेसवार्ता का भी

हाईटेक सिटी के किसानों ने सोमवार जीडीए परिसर के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। भारतीय किसान संगठन की अगुवाई में हुए इस प्रदर्शन का नेतृत्व सुशील प्रधान ने किया। जिसमें बड़ी संख्या में किसानों ने हिस्सा लिया। हाईटेक सिटी की जमीन को लेकर किसानों और बिल्डर के बीच लंबे समय से विवाद चला आ रहा है। इसी विवाद को

गाजीपुर बॉर्डर से बुधवार को किसानों का आखिरी जत्था भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत की अगुवाई में मुजफ्फरनगर के लिए रवाना हो गया। इसके साथ ही गाजीपुर बॉर्डर भी किसान आंदोलनकारियों ने खाली कर दिया। बुधवार सुबह अरदास और हवन के बाद पूरे जोशों-खरोश के साथ राकेश टिकैत वापस मुजफ्फरनगर के लिए रवान

साल से ज्यादा चला किसान आंदोलन क्यों सफल हुआ। यह सवाल बुधवार को भी राकेश टिकैत से कई बार पूछा गया। इस सवाल का जवाब शायद शब्दों में नहीं दिया जा सकता था क्योंकि गाजीपुर बॉर्डर इसका जीता-जागता जवाब खुद मौजूद था। रूदपुर से साईकल चलाकर जब सतपाल सिंह ठकुराल गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे तो हर कोई हैरान था। लेकि

मंगलवार को हरियाणा के जींद में बद्दोवाल टोल पर राकेश टिकैत ने जैसे ही धरना खत्म करवाया। गाजीपुर बॉर्डर पर एक शख्स अचानक भावुक हो उठा। जींद के गांव पोंकरी खेडी के रहने वाले और भाकियू के जींद जिला प्रेस प्रवक्ता रामराजी दुल बीते 3 फरवरी से गाजीपुर बॉर्डर पर धरने का हिस्सा हैं। इससे पहले वह टीकरी बॉर्ड

बुधवार को किसान गाजीपुर बॉर्डर खाली कर देंगे। वह आगे क्या रणनीति बनाएंगे यह तो भविष्य के गर्भ में छुपा है। लेकिन बरसों तक इस आंदोलन को याद किया जाता रहेगा। आंदोलन के सफल होने के पीछे किसानों के धैर्य और रणनीति के अलावा श्रद्धा का भी अहम किरदार था। जिसका जिक्र कम ही हुआ। किसानों की यह श्रद्धा गाजीपुर

किसान आंदोलन का बुधवार को आखिरकार समापन हो जाएगा। गाजीपुर बॉर्डर से लगभग सभी टैंट हटा लिए गए हैं। बुधवार सुबह हवन और फतह मार्च के बाद करीब 10 बजे किसान पूरी तरह से गाजीपुर बॉर्डर को खाली कर देंगे। भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत भी कल गाजीपुर बॉर्डर से घर वापस जाएंगे। वहीं दूसरी ओर स्थानीय

नई दिल्ली,(टीम डिजिटल):दिल्ली से सटे ग्रेटर नोएडा में दिल्ली-मुंबई औद्योगिक कॉरिडोर (डीएमआईसी) से प्रभावित किसान नए भूमि अधिग्रहण कानून के सभी लाभ दिए जाने और आबादी छोडऩे की मांग को लेकर सोमवार को कलेक्ट्रेट पहुंचकर विरोध प्रदर्शन करेंगे। किसानों ने चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन ने उनकी मांगों को पूर

लंबे वक्त बाद शनिवार को गाजीपुर बॉर्डर पर बने आंदोलन मंच पर रौनक दिखी। मंच के सामने सडक़ पर बैठ कर लंबे वक्त बाद लोग लंगर की सेवा ले रहे थे। इसी लंगर के ठीक सामने बनी रसोई दूसरी सडक़ पर बने दूसरे लंगर की समेटने की तैयारियां शुरू हो चुकी थीं। यह मंच, लंगर और एक्सप्रेस-वे पर बीच सडक़ पर खाना ये तमाम सिलस

ट्रैक्टर ट्रॉलियों और अन्य वाहनों के हुजूम की वजह से दिल्ली-सोनीपत-करनाल राष्ट्रीय राजमार्गों पर वाहनों की रफ्तार धीमी पड़ गई। दूर-दूर तक वाहनों का काफिला नजर आ रहा है। सोनीपत के एक यातायात पुलिस अधिकारी ने कहा कि सोनीपत-करनाल राष्ट्रीय राजमार्ग पर वाहन धीरे-धीरे चल रहे हैं।

केंद्र सरकार ने शुक्रवार को संसद को बताया कि निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से कम पर पर धान की खरीद किए जाने के संबंध में हरियाणा सहित किसी अन्य स्थान से कोई शिकायत नहीं मिली है। ग्रामीण विकास तथा उपभोक्ता मामले, खा

एक साल से ज्यादा चला किसान आंदोलन कई मामलों में बहुत अनोखा था। आंदोलन के दौरान कई बार उतार चढाव आए, लेकिन आखिरकार किसान अपनी मांगे मनवा कर ही घरों की ओर वापस लौटने वाले हैं। उन्होंने अपने उस नारे को सार्थक किया कि जब तक कानून वापसी नहीं, तब तक घर वापसी नहीं। आगरा से आए जोगा सिंह का बयान आंदोलन के अन

बीते साल 28 नवंबर से गाजीपुर बॉर्डर पर डेरा डाले बैठे जोगा सिंह और उनके साथी अब अपना सामान समेटने में जुटे हैं। आंदोलन की पहली तारीख से जोगा सिंह अपने साथियों के साथ लंगर सेवा दे रहे हैं। घर वापस जाने के सवाल पर वह कहते हैं कि हम जा तो रहे हैं, लेकिन सरकार को अब होशियार नहीं बनना चाहिए। क्योंकि किसा

केंद्र सरकार ने शुक्रवार को कहा कि तीन विवादास्पद कृषि कानूनों के खिलाफ लगभग एक साल तक हुए किसानों के आंदोलन के दौरान एक भी किसान की मृत्यु पुलिस कार्रवाई के फलस्वरूप नहीं हुई। ज्ञात हो कि विभिन्न किसान संगठन तीनों केंद्रीय कानूनों