इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को यह स्पष्ट करने के लिए बृहस्पतिवार को आठ सप्ताह का समय दिया कि क्या ज्ञानवापी मस्जिद में पाई गए वस्तु (कथित शिवलिंग) की कार्बन डेटिंग से वह क्षतिग्रस्त हो सकता है या फिर उसकी कालावधि का अनुमान लगाने का सुरक्षित तरीका भी है।
वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में गौरी श्रृंगार और अन्य देवी देवताओं की नियमित पूजा अर्चना की अनुमति से जुड़े मुकदमे के संबंध में हिंदू पक्ष के वकील ने बृहस्पतिवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय में कहा कि विवादित स्थल पर मंदिर को ढहाने मात्र से वह
बनारस की एक जिला अदालत ने शुक्रवार को ज्ञानवापी परिसर में बंद पड़े दो तहखानों के सर्वेक्षण के आलोक में हिंदू पक्ष की याचिका पर सुनवाई के लिए दो नवंबर की तारीख मुकर्रर की है। इसके साथ ही, अदालत ने मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ताओं द्वारा समय
ज्ञानवापी, काशी में शाृंगार गौरी पूजन के अधिकार को लेकर हिंदू समाज संघर्ष कर रहा है जबकि मुस्लिम समाज विरोध दर्ज कराता रहा है। विश्व हिंदू परिषद का स्पष्ट मानना है कि यदि हिंदू और मुस्लिम दोनों पक्ष बातचीत के जरिए सद्भावपूर्ण तरीके से मसले का हल निकालते तो बात कुछ और होती।
ज्ञानवापी शृंगार गौरी मामले के विचार योग्य होने को चुनौती देने वाली अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी की याचिका के निचली अदालत द्वारा खारिज किए जाने के बाद कमेटी इस निर्णय को इलाहाबाद उच्च न्यायालय में चुनौती देने के लिए वरिष्ठ वकीलों से विचार विमर्श कर रही है। वाराणसी की जिला अदालत ने सोमवार को कहा कि
वाराणसी की जिला अदालत ने सोमवार को ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले की पोषणीयता पर सवाल उठाने वाली याचिका खारिज कर दी और कहा कि वह पूजा के अधिकार की मांग वाली याचिका पर सुनवाई जारी रखेगी।
BBC डॉक्यूमेंट्री बैनः SC ने केंद्र को नोटिस जारी, 3 हफ्ते में मांगा...
अडाणी समूह के शेयरों में जारी है गिरावट, अडाणी एंटरप्राइजेज का शेयर...
अडानी मामले पर संसद में आज भी बवाल, दोनों सदन की कार्यवाही स्थगित
बजट 2023 - दिल्ली पुलिस को हाईटेक बनाने के लिए मिला 11 हजार करोड़ से...
अडाणी के मुद्दे को संसद में संयुक्त रूप से उठाने पर विपक्षी दल सहमत