
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया से 21 मई को प्रस्तावित नीट-पीजी परीक्षा स्थगित करने का अनुरोध किया है। अपने पत्र में आईएमए ने कहा कि राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा-स्नातकोत्तर 2021 निर्धारित तारीख के पांच महीने बाद

राजस्थान के दौसा में महिला डॉक्टर द्वारा खुदकुशी करने के मामले को लेकर शनिवार को भी इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने देशभर में विरोध जताया। एसोसिएशन की दिल्ली शाखा द्वारा अलग-अलग अस्पतालों के डॉक्टरों ने प्रदर्शन किया। इस दौरान महिला डॉक्टर के परिवार को न्याय देने और राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग के दिशा

कोरोना आने के बाद पता चला कि आजादी के बाद से अब तक देश को स्वास्थ्य सेवाओं के लिए मजबूती से तैयार ही नहीं किया गया। अब जब कोरोना का संकट आ ही गया है तो हमें इससे सबक लेना चाहिए। कोरोना के सबक से देश के स्वास्थ्य तंत्र की सेहत सुधारने की जरूरी पहल होनी चाहिए,ताकि हम कभी भी, किसी तरह की स्वास्थ्य संबं

कोरोना वायरस की दूसरी लहर के दौरान लगभग 2,000 डॉक्टरों की मौत हो गई। देश में मृत्यु दर सामान्य आबादी में लगभग 1.5 प्रतिशत रही थी ,जबकि स्वास्थ्यकर्मियों में लगभग 2-3 प्रतिशतथी। इस अनुमान के मुताबिक करीब एक लाख डॉक्टरों में कोरोना हुआ। तीसरी लहर में मृत्यु दर कम होने की उम्मीद हैं, लेकिन ओमिक्रॉन वैर

एफओआरडीए ने लिखा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को पत्र। कहा नीट-पीजी काउंसिलिंग में तेजी लाने के लिए अभी तक कोई पहल या उपाय नहीं किया गया है, जिसके चलते देशव्यापी आंदोलन को आगे बढ़ाना जरूरी है।