कोरोना की दूसरी लहर के बीच सोमवार को केंद्र सरकार ने एक और राहत पैकेज की घोषणा की। सरकार का मानना है कि इस राहत पैकेज से देश की अर्थव्यवस्था को तो बल मिलेगा ही, गरीबों और छोटे-मझोले कारोबारियों तथा उद्यमियों को भी सीधा लाभ होगा।
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस मार्कंडेय काटजू अकसर अपने बेबाक बयानों को लेकर सुर्खियों में रहते हैं। देश के ज्वलंत मुद्दों पर वह अपनी राय सोशल मीडिया के जरिए रखते रहते हैं। अब उन्होंने मौजूदा कोरोना संकट को लेकर भी अपने जज्बात एक लेख में शेयर किए हैं।
देश में कोरोना संकट के कारण लगे लॉक डाउन में आर्थिक संकट ने भी लोगों को अपनी चपेट में ले लिया है ऐसे में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत सरकार ने गरीबों तक मदद पहुंचाने की योजना बनाई है...
संकट के दौर से गुजर रहे देश के उद्योगजगत और कारोबारियों को राहत देने और भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 12 मई को देश के लिए 20 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज की घोषणा करते हुए कहा था कि इस पैकेज के अंतर्गत समाज के विभिन्न वर्गों को दी जाने वाली राहतों का खुलासा वित्त मं
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने एमएसएमई के लिए घोषित 3 लाख करोड़ रुपए के लोन पैकेज को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा है...
यकीनन कोविड-19 के महासंकट के बीच देश के कोने-कोने में ढहते हुए सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (एम.एस.एम.ई.) को बचाने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के द्वारा 13 मई को घोषित व्यापक आर्थिक पैकेज में सबसे अधिक राहतों की घोषणा की गई है। भारत को आत्मनिर्भर बनाने के...
टिकैत का ऐलान - बृजभूषण मुद्दे पर राष्ट्रपति से मुलाकात करेंगे किसान...
अडानी और मणिपुर मुद्दे पर मोदी सरकार पर कांग्रेस ने दागे सवाल
केजरीवाल को अध्यादेश के मुद्दे पर स्टालिन की DMK का मिला समर्थन
संसद में ‘राजदंड' स्थापित करना नए भारत का हिस्सा और ‘हिंदू राष्ट'...
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