
महंगाई और जीएसटी के मुद्दे पर कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण सोमवार को लोकसभा की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद दिनभर के लिए स्थगित कर दी गयी। सदन में तख्तियां दिखाकर प्रदर्शन करने और आसन की अवमानना करने के मामले में कांग्रेस के चार सदस्यों- मणिकम टैगोर, टी एन प्रतापन,

कांग्रेस के कुछ सांसदों ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा ‘नेशनल हेराल्ड’ अखबार से जुड़े धनशोधन मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से पूछताछ किये जाने को लेकर बृहस्पतिवार को जांच एजेंसियों के कथित दुरूपयोग के मुद्दे पर चर्चा की मांग करते हुए लोकसभा में कार्यस्थगन के नोटिस दिए।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को सभी राजनीतिक दलों के सदस्यों से संसद का सर्वाधिक उपयोग करने का अनुरोध किया और कहा कि वे खुले मन से विभिन्न विषयों पर चर्चा और वाद विवाद करें तथा जरूरत पड़े तो आलोचना भी करें ताकि नीति और निर्णयों में बहुत ही सकारात्मक योगदान मिल सके।

सोमवार, 18 जुलाई से शुरू हो रहा संसद का मॉनसून सत्र भी पिछले सत्रों की तरह हंगामेदार रहने वाला है। रविवार को हुई सर्वदलीय बैठक में ही विपक्ष ने अपने तेवर से इसका संकेत दे दिया। सर्वदलीय बैठक में विभिन्न विपक्षी दलों के नेताओं ने महंगाई, सेना में भर्ती की नई योजना ‘अग्निपथ’ और जांच एजेंसियों के कथित

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के सांसद बिनॉय विश्वम ने रविवार को सर्वदलीय बैठक में शामिल नहीं होने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हुए कहा कि उन्होंने संसद को ‘‘सजावटी वस्तु’’ बना दिया है। मॉनसून सत्र के दौरान उठाए जा

कांग्रेस ने संसद के मानसून सत्र के मद्देनजर सरकार द्वारा बुलाई सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शामिल न होने पर रविवार को कड़ी आपत्ति जताई और पूछा कि क्या यह ‘असंसदीय’ नहीं है। कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश ने बैठक में प्रधानमंत्री की अनुपस्थिति पर