राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल ने मंगलवार को कहा कि सड़क हादसों में जाने वाली जानों के अलावा प्रदूषण से होने वाली मौतें भी अधिकारियों के लिए चिंता का सबब होनी चाहिए। अंतरराष्ट्रीय सड़क संघ (आईआरएफ) के इंडिया चैप्टर द्वारा आयोजित ‘फास्ट ट्रैकिंग रोड सेफ्टी थ्रू
दिल्ली सरकार के सिंगल यूज प्लास्टिक बैग पर बैन के बाद इसका असर जहां दिल्ली की बड़ी मार्किटों में देखने को मिला है, वहीं अभी भी गली-कूचों की दुकान चलाने वालों में जागरूकता का अभाव है। जिसकी वजह से तकरीबन 10 दिन का समय पूरी तरह इस आदेश का असर दिखाई देने में लग सकता है। दिल्ली के कई मार्किट एसोसिएशनों
जिला पर्यावरण और वृक्षारोपण समिति की बैठक बुधवार को कलेक्ट्रेट के महात्मा गांधी सभागार में हुई। जिसमें समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने कहा कि वायु प्रदूषण की दृष्टि से जनपद गाजियाबाद काफी संवेदनशील जिला है। इसलिए सभी अधिकारी अपने विभागीय कार्यों में तेजी लाकर सुनिश्चित करें कि एनजीटी
प्रताप विहार डंपिंग ग्राउंड में कूड़े के पहाड़ को निस्तारित करने को लेकर एनजीटी में चल रहे केस में अगले महीने सुनवाई होने जा रही है। केस पर सुनवाई से पहले एनजीटी कमीशन ने बुधवार को गाजियाबाद में कई जगह निरीक्षण किया। एनजीटी की चार सदस्य टीम ने डूंडाहेड़ा, प्रताप विहार, मोरटा आदि स्थानों का निरीक्षण
अडाणी समूह प्रकरण की जांच के लिए समिति गठित करने को लेकर सुप्रीम...
अडाणी कांड को लेकर अब राहुल गांधी ने मोदी सरकार को लिया आड़े हाथ
केंद्रीय विद्यालयों, उच्च शिक्षण संस्थानों में शिक्षकों, गैर-शिक्षकों...
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जाति व्यवस्था को लेकर अखिलेश यादव ने RSS चीफ भागवत से पूछा सवाल