भारत के प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण ने शुक्रवार को लंबित मामलों को एक ‘बड़ी चुनौती’ करार दिया। उन्होंने उच्चतम न्यायालय में सुनवाई के लिए मामलों को सूचीबद्ध करने के मुद्दे पर अधिक ध्यान न दे पाने को लेकर खेद भी व्यक्त किया।
प्रधान न्यायाधीश एन.वी. रमण ने अदालतों में महत्वहीन याचिकाएं दाखिल किये जाने पर चिंता व्यक्त करते हुए शनिवार को कहा कि जनहित याचिका की अवधारणा अब निजी हित याचिका में बदल गई है और कभी-कभी परियोजनाओं को रोकने या सार्वजनिक प्राधिकारियों पर दबाव बनाने के लिये इनका इस्तेमाल किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण की मौजूदगी में मुख्यमंत्रियों और उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों के संयुक्त सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में हिस्सा लेंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने एक बयान में शुक्रवार को यह जानकारी दी। उसके मुताबिक राजधानी दिल्ली स्थित विज
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि उच्चतम न्यायालय अनुच्छेद 370 के विशेष प्रावधानों को खत्म करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं समेत संवैधानिक रूप से महत्वपूर्ण कई मामलों को गति देने में विफल रहा है। उसने अपने मुखपत्र ‘पीपुल्स
गैंगस्टर जफर सुपारी और मुबारक खान के नाम पर रिटायर्ड इंसपेक्टर को...
ससुराल में बलकटी से हमला कर विवाहिता की हत्या का प्रयास, ससुर सहित 5...
राहुल गांधी ने मुस्लिम लीग को धर्मनिरपेक्ष पार्टी बताया, BJP ने की...
राम जन्मभूमि पर भगवान राम की मूर्ति के अभिषेक के लिए PM मोदी को...
शिवाजी महाराज की नीतियां आज भी प्रासंगिक: PM मोदी