वीरवार को राजधानी में हल्की बूंदाबांदी के बाद प्रदूषण स्तर बुधवार के खराब के मुकाबले संतोषजनक स्थिति में आ गया। हालंाकि पराली जलाने के मामले पंजाब में सौ तो वहीं हरियाणा में 27 जगह नजर आए। बता दें कि दिल्ली में बुधवार को दिन के एक हिस्से में धूल का असर रहा और उसके बाद जीआरएपी के सख्त नियम लागू कर दि
दिल्ली में दमघोंटू प्रदूषण में स्थानीय कारणों के बाद पराली प्रदूषण की मुख्य वजह है। पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और दिल्ली के बाहरी इलाकों में हर साल पांच करोड़ टन कृषि अवशेष जलाए जाते हैं...
जिस गति से लगातार पंजाब और उससे सटे राज्यों में वायु की गुणवत्ता खराब होती जा रही है इस लिहाज से आने वाले 30 सालों में पंजाब में सांस लेना आपको काफी महंगा पड़ने वाला है। एक तरफ सड़कों लगातार बढ़ती गाड़ियों की संख्या और दूसरी तरफ किसानों द्वारा जलाए...
दिल्लीवाले सावधान हो जाएं। साइक्लोनिक सर्कुलेशन, नमी बढने, हवा की दिशा बदलने व गति कम होने से राजधानी में वायु प्रदूषण तेजी से बढ़ेगा। वहीं, पंजाब व हरियाणा में पराली जलाने से भी प्रदूषण में बढ़ोतरी होगी...
केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय पंजाब में फसल कटने के बाद पराली जलाये जाने के धुएं से दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में प्रदूषण जनित धुंध की समस्या के समाधान के लिए पराली के बहुद्देशीय उपयोग की कार्ययोजना पर काम कर रहा है।
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