सार्वजनिक पार्किंग नहीं होने की वजह से यातायात की समस्या पर चिंता जताते हुए उच्चतम न्यायालय ने गुजरात सरकार से कहा है कि एक पार्किंग नीति बनाई जाए, जो सभी नगर निकायों के लिए बाध्यकारी होगी। जस्टिस एम आर शाह और जस्टिस अनिरुद्ध बोस की
लोगों की जेब पर भारी पडने वाली नई पार्किंग पॉलिसी फिलहाल अधर में लटक गई है। पार्किंग को अत्यधिक महंगा करने से लेकर इसके वसूली को लेकर एक राय नहीं बन पा रही। ऐसे में परिवहन विभाग ने इसके विभिन्न प्रावधानों पर विचार कर एक राय बनाने के लिए अलग-अलग ग्रुप में कमेटियां बना दी है।
राजधानी में वाहनों की दिनोंदिन बढ़ती संख्या और विकराल होती पार्किंग की समस्या से निजात पाने के लिए पार्किंग की दरों को अधिक रखने के मसौदे पर जनता के सुझाव बंटे नजर आ रहे हैं।
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