
भारतीय रिजर्व बैंक एमपीसी की आज अहम बैठक होगी। जिसमें मौद्रिक नीति समीक्षा का ऐलान होगा। एसबीआई की रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि मौद्रिक नीति समिति की बैठक में ब्याज दरे स्थिर रखने पर फैसला हो सकता है..

भारतीय रिजर्व बैंक की अगले हफ्ते बैठक होने जा रही है, जिसमें ब्याज में बदलाव की उम्मीद नहीं है। एसबीआई की रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि मौद्रिक नीति समिति की बैठक में ब्याज दरे स्थिर रखने पर फैसला हो सकता है...

बैंकों की ओर से नीतिगत दर में कटौती का लाभ ग्राहकों तक पहुंचाने का काम समुचित रूप से बेहतर रहा है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने गुरुवार को कहा कि केंद्रीय बैंक (Central Bank) इसको लेकर संतुष्ट है...

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने महंगाई के मोर्चे पर सहूलियत को देखते हुए बुधवार को अपनी नीतिगत ब्याज दर ‘रेपो’ 0.25 प्रतिशत घटा कर 6.25 प्रतिशत कर दी। इससे धन सस्ता पड़ेगा और आने वाले दिनों में बैंक घर तथा अन्य ऋणों पर मासिक किस्त घटा सकते हैं।

खुदरा और थोक मुद्रास्फीति में नरमी को देखते हुये भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति अपनी अगली बैठक में नीतिगत ब्याज दर के बारे में अपना रुख नरम कर सकती है। वित्तीय सेवा क्षेत्र के बारे में एक रपट में यह अनुमान लगाया गया है।

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने आज अपनी क्रेडिट पॉलिसी का खुलासा कर दिया है। इस पॉलिसी का असर सीधे आम जनता पर पड़ने वाला है। बैठक के दौरान आरबीआई ने फैसला किया कि रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। इस बारे में विशेषज्ञों का कहना है कि आरबीआई ने ये फैसला मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी कच्चे तेल के दामों मे

रिजर्व बैंक ने शु्क्रवार को चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही के लिये खुदरा मुद्रास्फीति के अनुमान को कम कर 3.9 से 4.5 प्रतिशत कर दिया। मुख्य रूप से खाद्य वस्तुओं के दाम में असामान्य रूप से नरमी को देखते हुए रिजर्व बैंक ने महंगाई दर के अनुमान को घटाया है।

रिजर्व बैंक ने द्वैमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक में शुक्रवार को नीतिगत दरों को अपरिर्वितत रखा। हालांकि उसने नीतिगत रुख में बदलाव करते हुए उसे तटस्थ की जगह सधे अंदाज में सख्त करने वाला कर दिया। अधिकांश विश्लेषकों और बैंक अधिकारी मान रहे थे कि केंद्रीय बैंक नीतिगत दरों में कम से कम 0.25 प्रतिशत क

रिजर्व बैंक ने महंगाई बढ़ने की चिंता में दो माह में दूसरी बार मुख्य नीतिगत दर रेपो में 0.25 प्रतिशत की वृद्धि की है। इस वृद्धि से आने वाले समय में बैंकों से कर्ज लेना महंगा हो सकता है।