सुप्रीम कोर्ट का आदेश के तोड़ के लिए दिल्ली के सर्विस मामले को लेकर केंद्र की मोदी सरकार अब अध्यादेश ले आई है। इससे पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सवाल किया था कि क्या केंद्र सेवाओं के मामलों में निर्वाचित सरकार को कार्यकारी अधिकार देने वाले उ
लंबे समय से दिल्ली की सभी राशन की दुकानों को ई-पोस के साथ ही इलेक्ट्रिक तराजू से जोड़कर राशन बांटने की कवायद चल रही थी। जिसे लेकर खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के सीनियर सिस्टम एनालिस्ट ने सोमवार को सभी जिलों के उपायुक्त व सर्किल कार्यालयों के एफएसओ को निर्देशित करते हुए आदेश जारी किया है कि आगामी 22 जून
खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के असिस्टेंट कमीशनर पॉलिसी राजेश आहूजा ने आदेश दिया था कि कोटाधारक अब कागजी कार्रवाई नहीं करते हुए डीएल4-5 जमा ना करवाएं क्योंकि सभी आंकडे ई-पोस में एकत्र हो जाते हैं। बावजूद सर्किल कार्यालय के अधिकारी कोटाधारकों पर दबाव बना रहे हैं कि वो वितरण की जानकारी मैन्यूअली दें।
राजधानी दिल्ली में पहले ही अगस्त महीने का राशन काफी देरी से बंटना शुरू हुआ है। उसपर भी सर्वर ना चलने की वजह से बाॅयोमैट्रिक उपस्थिति राशनकार्डधारियों की दर्ज नहीं हो पा रही है। जिसके चलते राशनकार्डधारी जो पूरे महीने राशन दुकानों के चक्कर लगाकर परेशान हो गए हैं, उन्होंने शुक्रवार को राशन की दुकानों प
खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के ई-पोज पोर्टल में गुरूवार से डोर स्टेप डिलीवरी की टेस्टिंग दिखाई देनी शुरू हो गई है। इतना ही नहीं पोर्टल पर आटे का दाम 4 रूपए रखा गया है यह भी दर्शाया गया है। इससे लगता है कि दिल्ली सरकार डोर स्टेप राशन डि
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