नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के नेता उमर अब्दुल्ला ने मंगलवार को कहा कि लोकसभा में पर्याप्त मौजूदगी वाले बड़े राजनीतिक दलों को राष्ट्रीय स्तर पर विपक्षी एकता बनाने के लिए छोटे क्षेत्रीय दलों को रास्ता दिखाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि प्रमुख विपक्षी दल उन राज्यों में चुनाव लड़कर एक-दूसरे के वोट को काट
द्रमुक और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के अगुवाई वाले शिवसेना के गुट जैसे क्षेत्रीय दलों ने बुधवार को पेश किए बजट को ‘निराशाजनक'' करार देते हुए केंद्र सरकार पर राज्यों के संसाधन लेने और उन्हें कुछ नहीं देने का आरोप लगाया। यही विचार वाम दलों ने भी साझा किए हैं। द्रमुक नेता और पूर्व कें
राष्ट्रीय राजनीति में क्षेत्रीय दलों की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है। कब कौन सी पार्टी बनी, कैसे बनी और किस तरह से बड़ी बनी। यह सब जानना भी बेहद रोचक है। इन सभी जिज्ञासाओं का शमन पुस्तक ‘सेंसेक्स क्षेत्रीय दलों का’ करती है।
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