
आरबीआई की 2 दिवसीय मौद्रिक समीक्षा नीति की बैठक में पिछली बार की तरह रेपो रेट में 50 आधार अंकों की बढ़ोतरी की है। देश में उच्च मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने वाले इस प्रयास का असर होम लोन के ब्याज दरों पर पड़ सकता है।

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को खुदरा महंगाई को काबू में लाने के लिये नीतिगत दर रेपो को 0.5 प्रतिशत बढ़ाकर 5.4 प्रतिशत कर दिया। इससे कर्ज की मासिक किस्त बढ़ेगी। साथ ही मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने नरम नीतिगत रुख को वापस लेने पर ध्यान देने का भी निर्णय किया है।

अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी के कुछ दिन बाद भारतीय रिजर्व बैंक भी प्रमुख नीतिगत दर रेपो में 0.25 से 0.35 प्रतिशत की वृद्धि कर सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि मुद्रास्फीति पर अंकुश के लिए केंदीय बैंक आगामी मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक में रेपो दर बढ़ा सकता है।

भारतीय रिजर्व बैंक की तरफ से रेपो दर में एक बार फिर वृद्धि किये जाने के बाद बैंकों एवं अन्य वित्तीय संस्थानों ने भी फौरन अपने वाहन, आवास एवं व्यक्तिगत ऋणों पर देय ब्याज दरों को बढ़ा दिया है। इसस ये सारे कर्ज महंगे हो गए हैं। आईसीआईसीआई बैंक, बैंक ऑफ ब

कांग्रेस ने भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा प्रमुख नीतिगत दर रेपो को 0.50 प्रतिशत बढ़ाकर 4.9 प्रतिशत किए जाने के मुद्दे पर बुधवार को सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि महंगाई और बेरोजगारी का सामना कर रहे लोगों को अब ज्यादा मासिक किस्त