
दिल्ली-मेरठ के बीच तेज गति में दौडऩे वाली हाई स्पीड रेल-रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम(आरआरटीएस)के स्टेशनों पर भी अब मेट्रो स्टेशनों की तर्ज पर प्लेटफार्म स्क्रीन डोर्स (पीएसडी) लगाई जाएगी। इसके लिए दिल्ली गाजियाबाद के बीच यह स्क्रीन डोर लगाने का कार्य सोमवार से आरंभ कर दिया गया है।
फिलहाल इसकी शुरुआत

दिल्ली से मेरठ के बीच रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) कॉरिडोर जब यह 2025 में पूरी तरह से चालू हो जाएगा, तो यात्रियों को 82 किमी की दूरी तय करने में 55 मिनट लगेंगे वहीं दिल्ली-एनसीआर के विभिन्न हिस्सों के बीच माल की आवाजाही भी तेजी से हो सकेगी।

दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर के प्रायोरिटी सेक्शन के आगे दुहाई से मुरादनगर स्टेशन के बीच अब रेल की पटरियों को बिछाए जाने से पहले वायाडक्ट लगभग तैयार हो गया है। दुहाई से मुरादनगर के बीच की दूरी लगभग छह किलोमीटर है जिसमे से पांच किलोमीटर से ज्यादा का वायाडक्ट बनकर तैयार हो चुका है। मुरादनगर

दिल्ली मेरठ के बीच तेज गति में चलने वाली हाई स्पीड आरआरटीएस(रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम)रेल कॉरिडोर को तैयार करने का काम तेजी से किया जा रहा है। एनसीआरटीसी की तरफ से इस कॉरिडोर पर आनंद विहार स्टेशन से साहिबाबाद की तरफ जाने वाले मार्ग के लिए तीसरी टनल मशीन(टीबीएम) सुदर्शन को जमीन के नीचे उतारा गया। इसक

दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) कॉरिडोर पर जल्द ही ट्रेन का ट्रायल शुरु हो सकता है। दुहाई डिपो में पहली आरआरटीएस ट्रेन भी जल्द ही पहुंचेगी। गुजरात के सावली में तैयार हो रही ट्रेन को पहले गाजियाबाद और फिर वहां से दुहाई डिपो पहुंचाया जाएगा।

गुजरात के सावली में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) भारत के पहले रीजनल रैपिड ट्रांसिट सिस्टम (आरआरटीएस) का पहला ट्रेनसेट सौंपा गया। जल्द ही यह ट्रेन सेट दुहाई डिपो पहुंचेगा। जिसके बाद आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय (एमओएचयूए) के सचिव और एनसीआरटीसी के अध्यक्ष मनोज जोशी ने एनसीआरटीसी

दिल्ली से मेरठ के बीच बन रहे आरआरटीएस कॉरीडोर पर दुहाई डिपो के पास ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे को पार करने के लिए 73 मीटर लंबे और 875 टन वजनी स्पेशल स्टील स्पैन पुल को बनाया गया है। एक्सप्रेसवे के दोनों ओर बनाए गए लगभग 16 मीटर ऊंचाई के पिलर्स पर इस स्पैन को स्थापित किया गया है।