‘जिसकी लाठी, उसकी भैंस’
स्पेशल स्टोरीतिलक के ‘स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है’ से लेकर आज ‘हड़ताल मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है’ तक भारत ने एक लंबी यात्रा तय की है। आज समाज का हर वर्ग हड़ताल करने की योजना बना रहा है चाहे राजनीतिक विरोध प्रदर्शन हो, चाहे श्रमिकों की हड़ताल हो या चक्का जाम जिससे...