नारीवाद पाश्चात्य की अवधारणा नहीं : प्रो. शांतिश्री
स्पेशल स्टोरीनारीवाद कोई पाश्चात्य की अवधारणा नहीं है। नारीवाद की जड़ें भारतीय सभ्यता में बहुत गहरी हैं। हमारे देश में द्रौपदी जैसी महान नारी हुई हैं। सबसे पहली सिंगल मदर सीता भी भारत में ही हुई हैं। यह बात मंगलवार को जेएनयू कुलपति शांतिश्री धुुलिपुडि़ पंडित ने सुषमा स्वराज स्त्री शक्ति सम्मान 2022 ग्रहण करते सम