
डीडीए को जल्द ही पुराने फ्लैटों की बिक्री न हो पाने की समस्या से राहत मिल सकती है। बताया जाता है कि पहले आओ पहले पाओ योजना से जुड़े प्रस्ताव पर केंद्रीय आवास एवं शहरी मामला मंत्रालय ने सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। लेकिन औपचारिक स्वीकृति के लिए प्रस्ताव में कुछेक बिंदुओं पर विस्तृत जानकारी भी डीडीए से

डीडीए की विशेष स्कीम में भले ही लगभग साढ़े पांच हजार फ्लैट्स ही बेचे जा रहे हैं, लेकिन इस योजना में बचे लगभग 13 हजार फ्लैट्स को बेचने के लिए अब डीडीए नई योजना में जुट गया है। पहले आओ पहले पाओ के आधार पर यह फ्लैट्स बेचे जाएंगे। इसके लिए केंद्रीय आवास एवं शहरी मामला मंत्रालय के समक्ष प्रस्ताव भेजकर मं

दिल्ली-मेरठ के बीच हाई स्पीड रेल कॉरिडोर(आरआरटीएस)पर सराय काले खां से लेकर दुहाई के बीच हो रहे निर्माण कार्य का जायजा लेने के लिए केंद्रीय आवास एवं शहरी मामला मंत्रालय के सचिव मनोज जोशी ने निरीक्षण किया। सराय काले खां पर एनसीआरटीसी प्रबंध निदेशक विनय कुमार सिंह व अन्य अधिकारियों को उन्होंने काम में

आजादी के अमृत महोत्सव की कड़ी में डीडीए ने यमुना को पुर्नजीवित करने व पर्यावरण एवं यमुना संरक्षण के प्रति लोगों में जागरुकता लाने के लिए रविवार को अंतिम कार्यक्रम आयोजित किया। ''असिताÓ साइकिल रैली के इस कार्यक्रम में करीब 100 साइकिल चालकों के शामिल होने का दावा भी डीडीए ने किया।
डीडीए अधिकारी ने बत

केंद्रीय आवास एवं शहरी मामला मंत्रालय की विशेष परियोजना(इनसिटू)के तहत जहां झुग्गी वहीं मकान में आवास की उम्मीद लगा रहे 580 लोगों ने विभिन्न कारणों से अपील दायर की है। डीडीए की विशेष समिति इस अपील पर सुनवाई करेगी। हालांकि दायर अपील में से कितनी वास्तविक सुनवाई के लायक हैं, इसे लेकर समिति और शिकायतकर्

पीएम आवास योजना के तहत जल्द ही 60 हजार मकान और बनाए जाएंगे। मंगलवार को केंद्रीय आवास एवं शहरी मामला मंत्रालय की एक बैठक में इस पर मुहर लगाई गई। वर्चुअल माध्यम से मंत्रालय के सचिव मनोज जोशी की अध्यक्षता में पीएमएवाई (यू) के तहत सीएसएमसी की बैठक में तय हुआ कि 5 रा''यों में 60,000 से अधिक घरों के निर्

दिल्ली फिलहाल बिना मास्टर प्लान के ही चल रही है। क्योंकि मास्टर प्लान 2021 के समाप्त होने के बाद अब तक नया मास्टर प्लान 2041 लागू नहीं हो सका है। बताया जाता है कि तकनीकी पहलुओं के कारण अभी मास्टर प्लान 2041 को लागू करने में थोड़ा वक्त और लगेगा। संभावना जताई जा रही है कि इस प्रक्रिया में करीब चार माह

सेंट्रल विस्टा परियोजना में निर्माण कार्य पर भले ही कुछ भी सवाल उठ रहे हों, लेकिन हकीकत यह है कि इस परियोजना का संबंध सीधेतौर पर देश के गौरव के साथ भी जुड़ा हुआ है। केंद्रीय आवास एवं शहरी मामला मंत्रालय की तरफ से साफतौर पर कहा गया है कि इस परियोजना में लगभग 60 फीसदी भौतिक प्रगति भी हो चुकी है। योजना

नए सेंट्रल विस्टा परियोजना के कारण गणतंत्र दिवस परेड के स्थान को लेकर चल रहे कयासों के बीच परियोजना के आर्किटेक्ट बिमल पटेल ने साफ किया कि 2022 में गणतंत्र दिवस परेड नई दिल्ली में आने वाले नए सेंट्रल विस्टा पर ही होगी। उन्होंने वादे के साथ कहा कि अगले वर्ष 2022 की गणतंत्र दिवस परेड से पहले परियोजना

डीडीए भले ही लोगों के लिए आवासीय योजनाओं के जरिये आवास देने की पहल करता रहा हो, लेकिन उसकी यह पहल लोगों को रास नहीं आ रही है। यही वजह है कि सोमवार को लैंड पूलिंग, टीओडी सहित विभिन्न योजनाओं को लेकर लोगों ने अपने विचार में कहा कि किफायती आवास पर जोर दिया जाए। साथ ही प्रदूषण से निपटने के लिए ठोस नीति

मास्टर प्लान 2041 को लेकर आयोजित बैठक में डीडीए अधिकारियों के बीच ऑनलाइन माध्यम से करीब 4300 लोगों ने अपने विचार साझा किये। लोगों ने पीएम उदय योजना में पंजीकरण को लेकर आ रही समस्याओं के प्रति अधिकारियों को जानकारी दी। वहीं जाम की समस्या से निजात के लिए सड़कों के चौड़ीकरण के अलावा नई रिंग रोड आदि पर

अगर सब-कुछ योजना के अनुरूप हुआ तो इस बार 26 जनवरी 2022 को गणतंत्र दिवस की परेड को 4 हजार से अधिक लोग एक साथ बैठकर देख सकेंगे। लोगों के बैठने के लिए विशेष किस्म की ऑटोमेटिक फोल्डिंग सीढ़ीनुमा कुर्सियों को राजपथ और इंडिया गेट के दोनों तरफ लगाया जाएगा। सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत यह कार्य किया जाएगा

कोरोना बीमारी में लोगों को हुई तकलीफ के बाद अब केंद्र सरकार और स्थानीय सरकारें मिलकर ग्रीन व ब्लू इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने की नीति तैयार करने में लगी है। इस मामले एक तरफ जहां केंद्रीय मंत्रालय ने विभिन्न स्तर पर प्रदूषण की रोकथाम को लेकर योजना बनाई है। वहीं उसके पालन में दिल्ली सरकार भी जुटी है।

केंद्र सरकार 2022 तक सभी को आवास के संकल्प को पूरा करने के लिए किफायती आवास को लेकर विशेष ध्यान दे रही है। यही कारण भी है कि केंद्रीय आवास एवं शहरी मामला मंत्रालय की तरफ से डीडीए के अलावा प्राइवेट डेवलपरों को भी इस दिशा में काम करने के लिए कहा है। बताया जाता है कि दिल्ली में लैंड पूलिंग परियोजना में

लोग अगले बीस वर्ष में दिल्ली को किस रूप में देखना चाहते हैं और पर्यावरण, अर्थव्यवस्था, सार्वजनिक यातायाता व शेल्टर होम जैसे मुद्दों पर किस तरह के समाधान की आवश्यकता है, इस पर सोमवार को अपने विचार साझा करेंगे। मास्टर प्लान 2041 के फाइनल ड्राफ्ट को तैयार करने के लिए चल रही कवायद के अंतिम चरण में यह का

हालांकि पीएम उदय योजना के जरिये अनधिकृत कॉलोनियों के विकास और इनसिटू परियोजना से झुग्गी कलस्टर को बेहतर बनाने का काम किया जा रहा है। लेकिन अगले बीस वर्ष में दिल्ली में झुग्गी कलस्टर से लेकर अन्य स्थान पर विभिन्न परियोजनाओं से लोगों के रहन-सहन की शैली में बदलाव पर क्या किया जाए, इसे लेकर डीडीए की विश

कोरोना काल में वर्क फ्रॉम होम कल्चर तेजी से विकसित हुआ है। ऐसे में आने वाले समय में मास्टर प्लान 2041 में भी इसे लेकर अलग से प्रावधान करने के लिए लोगों ने अपनी राय जाहिर की है। डीडीए की विशेष समिति ने सोमवार को मास्टर प्लान के फाइनल ड्राफ्ट को तैयार करने से पूर्व लोगों से काम-काज और कामगारों पर रायश