
उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री एवं आगरा मण्डल के प्रभारी केशव प्रसाद मौर्य ने शुक्रवार को कहा कि अब तहसील स्तर के अधिकारी रात में तहसील क्षेत्र में ही प्रवास करेंगे। मौर्य ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि जिला स्तर के अधिकारी अब तहसील और ब्लाक में

भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने बुधवार को दक्षिण दिल्ली के मुहम्मदपुर गांव का नाम बदलकर माधवपुरम करने के लिए आयोजित एक समारोह में भाग लिया और कहा कि स्थानीय लोग खुद को गुलामी के प्रतीक से जोड़े रखना नहीं चाहते।

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यों से कहा है कि वे आजादी के अमृत महोत्सव में गांव, तहसील और जिलों के स्तर पर सभी हिस्सेदारी के लिए व्यापक योजना बनाएं। इसमें ये तय करना है कि कैसे सभी की हिस्सेदारी अमृत महोत्सव में हो और इसके लिए कार्यक्रमों की रचना करना और उन्हें सफल बनाना है। आजादी के अमृत महोत

हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के एक दर्जन से अधिक गांवों के 3000 से अधिक लोगों को इस बार गर्मी में पानी के लिए नहीं जूझना होगा। ना ही उन्हें पानी के लिए इधर-उधर के चक्कर काटने होंगे। बहुत जल्द पाइप लाइन के जरिये शुद्व पेयजल की आपूर्ति गांवों तक हो जाएगी। इसके लिए केंद्रीय मंत्री एवं हमीरपुर के लोकसभ

''किसानों, अन्नदाताओं के बारे में जिसने नहीं सोचा उसे सत्ता में रहने का कोई हक नहीं है। केजरीवाल सरकार ने पिछले सात सालों में किसानों का दोहन एवं शोषण किया है। किसान जब तक खुशहाल नहीं होगा तब तक कृषि प्रधान देश में कोई भी सत्ता सही तरीके से नहीं चल सकती।Ó

गाजियाबाद जनपद में विधान सभा चुनाव बेशक शांतिपूर्ण तरीके से निपट गए हैं, मगर सरकारी तंत्र अभी फुर्सत में नहीं है। सीलबंद ईवीएम और वीवी पैट की दिन-रात सुरक्षा के अलावा चुनावी रंजिश में कोई बड़ी वारदात न हो जाए, इसकी चिंता बरकरार है। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में माहौल पर नजर रखी जा रही है। कुछ प्रत्याश

लोगों को किफायती से लेकर लग्जरी आवास से जुड़ी लैंड पूलिंग पॉलिसी में एक बार फिर से डीडीए ने शामिल होने का समय बढ़ाया है। डीडीए हालांकि पॉलिसी सफल होने का दावा कर रहा है, लेकिन बार-बार तिथि बढ़ाए जाने और उम्मीद के अनुरूप डेवलपरों व लोगों(किसान समूह)की रुचि कम होने से साफ है कि पॉलिसी लोगों में कितनी

नई दिल्ली,(टीम डिजिटल):दिल्ली से सटे जिला पंचायत गौतम बुद्ध नगर गांव में विकास कार्यों की गति बढ़ा दी है। जेवर क्षेत्र के 5 गांव में करीब 1.5 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाली सडक़ों का शिलान्यास किया गया। इन सडक़ों के बन जाने से ग्रामीणों को काफी राहत मिलेगी।