थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित मुद्रास्फीति दिसंबर, 2022 में घटकर 22 महीने के निचले स्तर 4.95 प्रतिशत पर आ गई। मुख्य रूप से सब्जियों और तिलहन सहित खाद्य पदार्थों की कीमतों में कमी के चलते यह गिरावट हुई।
राजधानी में कोरोना के लगातार बढते मामलों ने जहां दिल्लीवासियों को परेशान कर रखा है, वहीं फलों के खुदरा दामों में आग लगी हुई है। जबकि थोक दामों में मात्र 3 से 5 रूपए तक ही बढे हैं। वहीं प्रशासन की ओर से अभी तक इस
देश की राजधानी दिल्ली में एक बार फिर से प्याज के दामों में उछाल देखने को मिलेगा। यानी एक बार फिर से प्याज आम आदमी की थाली में से गायब हो सकता है...
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