
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रुबैया सईद 1989 के अपने अपहरण से जुड़े मामले में शुक्रवार को सीबीआई की विशेष अदालत के समक्ष पेश हुईं। इस दौरान उन्होंने जेकेएलएफ प्रमुख यासीन मलिक और तीन अन्य की पहचान अपने अपहरणकर्ताओं के रूप में की। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

अदालत ने प्रतिबंधित संगठन जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के प्रमुख यासीन मलिक को गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत उम्रकैद की सजा दी तो दिल्ली में रह रहे कश्मीरी पंडितों ने इसे न्याय की शुरुआत बताया।

दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार को आतंकवाद के वित्तपोषण मामले में कश्मीर के अलगाववादी नेता यासीन मलिक को उम्रकैद की सजा सुनाई। अदालत ने मलिक पर 10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया।

कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक जम्मू कश्मीर टेरर फंडिंग मामले में दोषी करार दिया गया है। आज गुरुवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की अदालत ने यासीन मलिक को आधिकारिक तौर पर टेरर फंडिंग मामले में दोषी ठहराया है...

कश्मीरी पंडितों के एक संगठन ने 1989-90 के दौरान कश्मीरी पंडितों की सामूहिक हत्याओं और नरसंहार की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सी.बी.आई.) या राष्ट्रीय जांच एजैंसी (एन.आई. ए.) से जांच कराने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक उपचारात्मक याचिका दायर की।

देश के पूर्व गृहमंत्री की बेटी के अपहरण का मामला जो 31 साल पुराना है इसमें टाडा कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट प्रमुख यासीन मलिक पर आरोप तय किए हैं...

अलगाववादी नेता मोहम्मद यासिन के खिलाफ जम्मू की एक विशेष टाडा/ पोटा अदालत ने बीते सोमवार को पूर्व सीएम और देश के तत्कालीन गृहमंत्र मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी...