फेक न्यूज यानी झूठी जानकारी, जो सच जैसी लगती है। ये जानबूझकर इंटरनेट पर फैलाई जाती है और बच्चे बिना जांचे इन पर भरोसा कर लेते हैं।

बच्चों पर इसका सीधा असर पड़ता है, गलत जानकारी से बच्चे डाउट में पड़ जाते हैं कि परीक्षा टल गई है या कोई नियम बदल गया है।

इससे बच्चों की नेगेटिव थिंकिंग बढ़ जाती है, उन्हें सिस्टम पर भरोसा नहीं रहता और अफवाहों के आधार पर फैसले लेने लगते हैं।

जब बच्चे सही जानकारी से दूर होते हैं, तो उनका फोकस पढ़ाई से हटने लगता है। वे मोबाइल पर न्यूज ढूंढते रहते हैं, जिससे किताबों से दूरी बन जाती है।

अफवाहें एग्जाम को लेकर डर फैलाती हैं। बच्चों में तनाव बढ़ता है, आत्मविश्वास घटता है और कुछ तो पढ़ाई छोड़ने तक की सोचने लगते हैं।

फेक न्यूज से पूरे एजुकेशन सिस्टम की छवि खराब होती है। स्कूल-कॉलेज प्रशासन पर सवाल उठते हैं और शिक्षा पर लोगों का भरोसा कम होने लगता है।