स्वामी विवेकानंद ने हमेशा सत्य बोलने और ईमानदारी से जीवन जीने पर जोर दिया। उनका मानना है, सत्य ही सच्चा धर्म है।
स्वामी जी कहते है, अच्छा चरित्र बनाना ही सच्ची शिक्षा का उद्देश्य है। अच्छा चरित्र ही व्यक्ति को अच्छा इंसान बनाता है।
उनका कहना था कि खुद पर विश्वास करना ही सच्चा बल है। अपने आप पर विश्वास करो, यही सफलता की पहली सीढ़ी है।
स्वामी जी कहते है दूसरों की निःस्वार्थ सेवा करना ही सच्ची मानवता है। यह करना मानवता को जीवित रखता है।
विवेकानंद जी कहते है जो इंसान अपने लक्ष्य के प्रति समर्पित है, वह सब कुछ पा सकता है। इसलिए व्यक्ति को लक्ष्य को ध्यान में रखना चाहिए तभी सफलता संभव है।
स्वामी जी कहते है धैर्य और सहनशीलता रखों, कठिनाइयों में भी शांत बने रहना ज़रूरी है। यह इंसान को मजबूत बनता है।