भारत और पाकिस्तान के बीच आजादी के बाद से ही नदी के जल बंटवारे को लेकर विवाद था। इसे खत्म करने के लिए सिंधु जल समझौता किया गया।
सिंधु जल समझौता 1960 में हुआ था। भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू और पाकिस्तान के राष्ट्रपति अयूब खान ने इस समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।
इस समझौते में विश्व बैंक द्वारा मध्यस्थता की गई थी । दोनों देशों ने इस पर अपनी सहमति जताई थी।
पूर्वी नदियों रावी ,व्यास और सतलुज का जल भारत को दिया गया। इस जल से दोनों देशों में सिंचाई और बिजली उत्पादन किया जाता है।
इसमें 6 नदियों के जल को लेकर बंटवारा हुआ । पश्चिमी नदियां सिंधु , झेलम और चेनाव का जल पाकिस्तान को दिया गया।