सावन, भगवान शिव का प्रिय महीना है। भोलेनाथ के भक्त उनकी कृपा पाने के लिए और उन्हें प्रसन्न करने के लिए इस माह विशेष पूजा-अनुष्ठान करते हैं।
भागवत पुराण के अनुसार, महादेव ने समुद्र मंथन के दौरान निकला हलाहल विष सावन के महीने में ही पिया था। जिससे उन्होंने संसार की रक्षा की थी।
ये समय मानसून का होता है, हर तरफ हरियाली छाई रहती है और प्रकृति अपने सबसे सुंदर रूप में होती है, जो सावन को पूजा-पाठ के लिए अनुकूल बनाता है।
सावन का महीना आध्यात्मिक ऊर्जा से भरपूर होता है। इस माह हर ओर भक्ति का वातावरण देखने को मिलता है और मंदिरों में विशेष पूजा और कीर्तन होते भी हैं।
सावन सोमवार व्रत रखना बहुत फलदायक होता है। ये उपवास खासतौर पे अविवाहित कन्याएं अच्छे जीवन साथी के लिए और विवाहित कन्याएं सुख-समृद्धि के लिए करती हैं।
सावन का महीना मन और शरीर का शुद्धिकरण करने का अवसर लेकर आता है। इस महीने रखे गए व्रत, सात्विक जीवनशैली और अन्य पूजा-अनुष्ठान करने से आत्मा के विकार मिटते हैं।